निजीकरण के विरोध में शक्ति भवन पर क्रमिक अनशन शुरू
अनशन के साथ लखनऊ में आज विशाल बाइक रैली
लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में मे शुक्रवार को शक्ति भवन के मुख्य द्वार पर बिजली कर्मियों का सात दिवसीय क्रमिक अनशन शुरू हुआ। संविदा कर्मियों की बड़ी पैमाने पर चल रही छटनी और 2000 से अधिक बिजली कर्मियों का वेतन रोके जाने के विरोध में आज प्रदेश भर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त हो गया है। निदेशक वित्त निधि नारंग को सलाहकार के रूप में सेवा विस्तार देने को संघर्ष समिति ने निजीकरण की प्रक्रिया में चल रहे भ्रष्टाचार का हिस्सा बताया। राजधानी लखनऊ में तीन मई को बाइक रैली निकाली जाएगी।
आज शक्ति भवन पर प्रारंभ हुए क्रमिक अनशन में 200 से अधिक बिजली कर्मियों ने भाग लिया। आज मुख्यतः संघर्ष समिति के घटक संगठनों के केंद्रीय पदाधिकारी अनशन पर बैठे। केंद्रीय प्राधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में अन्य कर्मचारी भी अनशन में सम्मिलित हुए। तीन मई को केस्को और कानपुर क्षेत्र के बिजली कर्मियों के साथ लखनऊ के बिजली कर्मी क्रमिक अनशन में सम्मिलित होंगे। आज उत्तराखंड के बिजली अभियंताओं के महासचिव राहुल चानना और उत्तराखंड के कई अभियंता भी अनशन पर बैठे। कल उप्र के बिजली कर्मियों के साथ मध्य प्रदेश के बिजली अभियंता संघ के महासचिव विकास कुमार शुक्ल और अन्य अभियन्ता सम्मिलित होंगे।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार चल रहा है। कल मौजूदा निदेशक वित्त निधि नारंग को सलाहकार बना कर सेवा विस्तार दिया जाना इसी भ्रष्टाचार की एक प्रमुख कड़ी है। संघर्ष समिति ने कहा कि झूठा शपथ पत्र देने वाले कंसलटेंट को बचाने में यही निधि नारंग और पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अभी भी लगे हुए हैं। आने वाले दिनों में संघर्ष समिति निजीकरण के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार का और खुलासा करेगी।
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