जहां मांगते भीख, उसी चौराहे पर गवर्नर-सीएम को दी सलामी!

हजरतगंज चौराहे पर भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों में जगी नई ‘उम्मीद’

जहां मांगते भीख, उसी चौराहे पर गवर्नर-सीएम को दी सलामी!

सत्य प्रकाश

  • नौनिहाल शिक्षा के दम पर भिक्षावृत्ति छोड़ प्रशासनिक सेवा में जाने को तैयार
  • सीएम के सलाहकार ने खिंचवाई ग्रुप फोटो, बच्चों का किया उत्साहवर्धन

लखनऊ। गणतंत्र दिवस के अवसर पर विधानसभा के सामने निकली परेड से पूरे प्रदेश का नाम और शौर्य बढ़ रहा था। इस शौर्य को और बल तब मिल गया,जब हजरतगंज के जिस चौराहे पर जो बच्चे भीख मांगते थे,उसी चौराहे पर यूपी के गणतंत्र दिवस के मौके पर सलामी देते हुए नजर आये। उम्मीद संस्था की शानदार पहल भिक्षा से शिक्षा की ओर ने कई बच्चों की जिंदगी बदल दी। अब यह बच्चे भिक्षावृत्ति छोड़कर शिक्षा के बल पर प्रशासनिक सेवा में जाने को तैयार हो रहे हैं। परेड के दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी भी पूरी टीम के साथ ऐसे बच्चों का उत्साहवर्धन करते नजर आये।

उम्मीद संस्था के प्रतिनिधि बलबीर सिंह की माने तो गणतंत्र दिवस पर होने वाले आयोजनों के तैयारी के लिए इन बच्चों ने कड़ी मेहनत की है। यह बच्चे परेड की तैयारी करने के लिए तड़के दो बजे उठकर लखनऊ के पीएसी ग्राउंड पहुंच जाते थे,जिसके बाद पुलिस के जवान इनकी दो घंटे तैयारी करवाते थे। इसके लिए अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी सुजीत पांडेय ने काफी सहयोग किया। यह सभी बच्चे चिनहट, मटिहारी, दुबग्गा, निगोहां व राजधानी के अन्य क्षेत्रों के रहने वाले हैं।

 गणतंत्र दिवस के दिन हुई परेड में 38, जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रम में 41 बच्चे शामिल हुए। बलबीर सिंह ने बताया यह सभी बच्चे गरीब परिवारों से थे। घर का पेट पालने के लिए मां-बाप के साथ ही यह बच्चे भिक्षावृत्ति का काम कर रहे थे। उम्मीद संस्था ने इन बच्चों से सम्पर्क किया। जिसके बाद उनके माता-पिता को उनके सुनहरे भविष्य के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए प्रेरित किया। उम्मीद संस्था की इस पहल ने भीख मांगकर जीवन बिताने वाले परिवारों में उम्मीद की किरण भर दी। अब यह बच्चे स्कूल जाते हैं, इसके साथ ही विभिन्न तरह की योजनाओं के माध्यम से यह बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। 

राजधानी लखनऊ में हाल में हुए एक सर्वेक्षण में पता चला था कि लखनऊ में भिखारियों की कुल संख्या 5,312 है। लखनऊ नगर निगम, समाज कल्याण विभाग और डूडा के साथ एक कार्यदायी संस्था द्वारा यह सर्वे किया गया था। वहीं संस्था प्रतिनिधि अराधना सिंह ने बताया कि उक्त बच्चे नगराम क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं और वहां बस्ती में जाकर उनकी टीम उनके शैक्षिक व सामाजिक विकास पर जमीनी स्तर पर कार्य करती रहती है।

कमिश्नर ने भिखारियों ने जब सुनाई थी आपबीती...!
हाल ही में मोहनलालगंज में भीख मांगकर गुजारा करने वाले परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए मंडलायुक्त ने चौपाल का आयोजन किया था। इस दौरान मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने इन परिवारों से बातचीत भी की थी। ग्रामीण इलाके में आयोजित इस चौपाल में भीख मांगकर गुजारा करने वाली महिलाओं का दु:ख  बाहर आ गया था। महिलाओं ने मंडलायुक्त से शिकायत कर दी थी। 

महिलाओं का आरोप था कि गांव के सचिव और लेखपाल उन्हें सरकारी योजनाओ से वंचित रखते हैं। इस कारण उन्हें सरकारी योजनाओ का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों की शिकायत सुनकर मंडलायुक्त ने नारजगी जताते हुए सचिव को प्रतिकूल प्रवष्टि दी थी। साथ ही लेखपाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी किये थे।

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