काली पट्टी बांधकर मनाया विरोध दिवस
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर शनिवार को बिजली कर्मचारियों ने दिनभर काली पट्टी बांध कर प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर "विरोध दिवस" मनाया। निजीकरण का टेंडर होने पर जेल भरो आंदोलन की तैयारी में आज समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर स्वेच्छा से जेल जाने वाले बिजली कर्मियों ने सूची में नाम लिखा लिखाया।
प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण से उपभोक्ताओं को होने वाले विशेष लाभ के विज्ञापन से आक्रोशित बिजली कर्मचारियों ने आज पूरे दिन काली पट्टी बांध कर अपना विरोध दर्ज किया। "विरोध दिवस" के तहत आज बिजली कर्मचारियों,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन कर निजीकरण के विरोध में निर्णायक संघर्ष और सामूहिक जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया। स्वेच्छा से जेल जाने वाले कर्मचारियों ने लाइन लगाकर जेल जाने वाले की सूची में अपना नाम लिखाया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने एक बार फिर कहा है कि यदि उप्र सरकार की नजर में निजीकरण के बाद पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के 42 जनपदों में बिजली की आपूर्ति के लिए विश्वसनीय प्रबंधन होगा तो इस विज्ञापन से अपने आप स्पष्ट हो जाता है कि कि ऊर्जा निगमों में विगत 22 वर्षों से चल रहा आई ए एस प्रबंध अविश्वसनीय है।
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