आयरलैंड, यूएसए और जापान के श्रद्धालुओं ने ली ब्रह्मचर्य दीक्षा
By Harshit
On
महाकुम्भनगर। प्रयागराज महाकुम्भ में देश-विदेश के श्रद्धालु सनातन धर्म से प्रभावित होकर दीक्षित हो रहे हैं। आयरलैंड, यूएसए और जापान के रहने वाले तीन शिष्य और शिष्याओं ने सनातन से प्रभावित होकर जगद्गुरु सांईं मां लक्ष्मी देवी के महाकुंभ स्थित शिविर में ब्रह्मचारी दीक्षा ग्रहण की। इन सभी को साई मां और विद्वानों की उपस्थिति में दैवीय मंत्रोच्चारण के साथ ब्रह्मचारी दीक्षा दिलाई। इस दौरान सैकड़ो विदेशी शिष्य और शिष्याएं भी उपस्थित रहे। ब्रह्मचर्य की दीक्षा पवित्रता और समर्पण का प्रतीक है, जिसमें लोग अपने जीवन को ब्रह्मचर्य के रास्ते पर चलकर साधना और सेवा के माध्यम से वैश्विक उन्नति के लिए समर्पित करते हैं।
जगद्गुरु सांईं मां लक्ष्मी देवी ने बताया कि ब्रह्मचारी की दीक्षा लेने वाले सदस्य सनातन की शिक्षा को ग्रहण करके अपने जीवन में आत्मसात करते हैं और दूसरों के साथ साझा करते हैं। ये सदस्य चार महाद्वीपों पर मौजूद हैं और इनमें भारत के वाराणसी स्थित शक्तिधाम (जगद्गुरु सांई मां का आश्रम) भी शामिल है। ये सदस्य शिक्षण कार्यक्रमों, आध्यात्मिक कोचिंग, मानवतावादी कार्यों, समुदाय निर्माण और साई मां की वैश्विक उपस्थिति का प्रसार करते हैं।
दीक्षा लेने वाली जापान की 20 साल की रेइको ह्योदो ने बताया कि वह अपने पेशे से एक्यूपंक्चर स्पेशलिस्ट हैं और सनातन से प्रभावित होकर उन्होंने ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेने का फैसला किया था। यूएसए के रहने वाले जॉन डेविड मिलर का कहना कि वे पिछले 40 साल से आईटी प्रोफेशनल हैं और अब उन्होंने अपना जीवन और कौशल साई मां के वैश्विक मिशन में समर्पित कर दिया है, ताकि सनातन धर्म को दुनिया भर में फैलाया जा सके।
आयरलैंड के रहने वाले डेविड पैट्रिक ओग्रेडी ने ब्रह्मचारी दीक्षा लेने के बाद कहा कि वे 35 साल से कंस्ट्रक्शन फील्ड में काम कर रहे हैं । अब उन्होंने अपना जीवन साई मां के वैश्विक मिशन में समर्पित कर दिया है और वर्तमान में शाक्तिधाम आश्रम वाराणसी में सेवा कर रहे हैं।
About The Author
अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें
Latest News
09 May 2025 11:39:20
लखनऊ। लखनऊ के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार की सुबह एयरप्लेन से विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा पहुंचें। विश्व...
टिप्पणियां