नदी को वास्तविक स्वरूप के हिसाब से करे विकसित
लखनऊ। कुकरैल नदी को उद्गम स्थल अस्ति से गोमती तक पुनर्जीवित करने के साथ ही प्रदूषण मुक्त भी कराया जाए। यह निर्देश शुक्रवार को मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने दिए। कमिश्नर आयुक्त कार्यालय सभागार में कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य देख रहे अधिकारियों के साथ बैठक कर रहीं थी। अधिकारियों ने बताया कि अस्ति गांव की जो वाटर बॉडी है उसका डीपीआर बनवा लिया गया है। शेष 22 तालाबों का डीपीआर बननना बाकी है। कमिश्नर ने सभी का डीपीआर 10 दिन में बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि कुकरैल नदी से संबंधित जो भी कार्य है उनको बिना देरी कराएं। जिन स्थानों पर सिल्ट है उन स्थानों पर डी-शिल्टिंग कराएं। उन्होंने कहा कि स्कोर्पियो क्लब के अंदर से निकल रही कुकरैल नदी की पैमाइश सिंचाई विभाग व तहसील स्तर से करते हुए चिन्हांकन व सीमांकन कराया जाए।
अगर कहीं अवैध अतिक्रमण मिलता है तो तत्काल ध्वस्तीकरण कराए। उन्होंने कहा कि कुकरैल नदी को अपने वास्तविक स्वरूप एवं प्रकृति के हिसाब से विकसित किया जाए। इस अवसर पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण इंद्रमणि त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी अजय जैन सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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