लोहिया संस्थान में नौकरी से निकाले गए गार्डों का प्रदर्शन
डेढ़ महीने से वेतन भी नहीं मिला, 8 साल से तैनाती थी
लखनऊ। डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नौकरी से निकाले गए गार्ड का प्रदर्शन। लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार को गार्डों ने जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलन कर रहे गार्ड का आरोप है कि करीब 250 से अधिक गार्डों को अचानक नौकरी से हटा दिया गया है। इनकी जगह नए गार्ड तैनात किए गए हैं। अचानक हुए इस बदलाव से नए गार्डों के परिवार पर आजीविका का संकट आ गया है। बावजूद इसके संस्थान प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे है। प्रदर्शन कर रहे गार्ड का दावा था कि 8 साल से उनकी तैनाती लोहिया संस्थान में है। अचानक नौकरी से निकाल दिया गया।
आरोप है कि लोहिया संस्थान में कार्यरत करीब 250 गार्डों को मार्च के बाद नौकरी से हटा दिया गया है। सुदर्शन फैसिलिटी संस्था की ओर से यह गार्ड संस्थान में विभिन्न जगहों पर तैनात होकर काम कर रहे थे। उससे पहले ये गार्ड प्रिंसिपल सिक्योरिटीज संस्था की ओर से कार्यरत थे। 8 साल से लगातार 4 कंपनियां (टाइगर सिक्योरिटी, अपना ग्रुप कंसल्टेंसी, सुदर्शन फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड एंड प्रिंसिपल सिक्योरिटी, सुदर्शन फैसिलिटी) के जरिए काम करने वाले इन गार्डों को अचानक निकाल दिया गया है। अब नई फर्म किंग सिक्योरिटी को लोहिया संस्थान के अफसरों ने गार्डों की नियुक्ति का ठेका दे दिया है। नई फर्म किंग सिक्योरिटी ने अपने गार्डों की तैनाती शुरू कर दी है।
इस मामले में लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. भुवन चंद तिवारी ने बताया कि गार्डों से संबंधित आउटसोर्स कंपनी को बदला गया है। नई कंपनी को अब टेंडर मिला है। संस्थान में अब गार्ड के रूप में सिर्फ सेना के रिटायर्ड कर्मियों की ही तैनाती दी जाएगी। डिटेल संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक बता सकते हैं। नौकरी से हटाए जाने की बात पर संबंधित कंपनी ही कुछ बता सकती है। प्रदर्शन कर रहे एक गार्ड में कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो संविदा पर नौकरी कर रहे हैं, उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। यहां हम सभी को नौकरी से निकाल दिया गया।
लोहिया संस्थान प्रशासन से हम मिलने गए तो उन्होंने कहा कि 10-15 दिन रुक जाओ, पर कुछ नहीं हुआ। नौकरी गए हुए 15 दिन बीत गए हैं। अभी तक कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रदर्शन कर रहे नीरज सिंह ने कहा- 2011 से मैं लोहिया संस्थान में सुरक्षा कर्मी के पद पर तैनात हूं। संस्थान के विकास में हम लोगों का भी योगदान है पर अचानक से बिना कोई नोटिस दिए हम लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। आरोप है कि 10-15 लोग जो लोहिया संस्थान के बड़े अफसरों की करीबी थे उनको नौकरी पर रखा गया है। कहा जा रहा है कि उनको डेली वेज पर नौकरी दी गई है पर हम लोगों को उस लायक भी नहीं समझा गया। नौकरी जाने से न केवल मुझ, बल्कि पूरे परिवार पर आर्थिक संकट है।
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