पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार मामले में 20 साल की सजा

पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार मामले में 20 साल की सजा

झुंझुनू। झुंझुनू की पोक्सो कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया है। जिसमें सीकर के राधाकृष्णपुरा निवासी रवि उर्फ रविन्द्र सिंह को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपित पर एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे दो वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। यह निर्णय विशेष न्यायाधीश इसरार खोखर ने सुनाया। मामले में एक अन्य आरोपित राहुल सिंह निवासी उद्योग नगर सीकर) को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है।

कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू ने बताया कि एक महिला ने 18 जनवरी 2022 को चिड़ावा थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसकी नाबालिग बेटी 16 जनवरी की रात को घर पर सोई थी, लेकिन अगली सुबह लापता मिली। परिजनों ने आस पास तलाश की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। रात आठ बजे तक भी बेटी के घर न लौटने पर जब महिला ने अपने बक्से की जांच की, तो उसमें से गहने और 18 हजार रुपये भी गायब मिले। महिला ने आशंका जताई कि आरोपित रविन्द्र उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। जब उसने रविन्द्र के भाई राहुल से संपर्क किया, तो उसने बताया कि रविन्द्र भी 16 जनवरी की शाम से घर से लापता है और उसकी कोई जानकारी नहीं है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए रविन्द्र और राहुल के विरुद्ध बलात्कार और अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।

राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुरेन्द्र सिंह भाम्बू ने की। उन्होंने अभियोजन पक्ष की ओर से 17 गवाहों के बयान और 34 दस्तावेज पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि यह मामला अत्यंत गंभीर प्रकृति का है और आरोपित को कठोरतम सजा दी जानी चाहिए। कोर्ट ने सभी साक्ष्यों का विश्लेषण करते हुए रविन्द्र को दोषी माना और 20 साल के कठोर कारावास के साथ-साथ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। उक्त सजा व जुर्माना के साथ अन्य धाराओं में दी गई सजाए सजा साथ-साथ भुगतने का आदेश दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि जुर्माने की राशि न्यायालय में जमा होती है, तो वह पीड़िता को प्रतिकर के रूप में प्रदान की जाए।

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