वाणी गायन परम्परा और अध्यात्म का गहरा सम्बन्ध- सूरजनाथ महाराज
बाड़मेर। वीणा की ध्वनी बड़ी सात्विक होती है। वाणी गायन परम्परा और अध्यात्म का गहरा सम्बन्ध है। वाणियों में योग की अनुभूतियों का वर्णन है। वाणियों को चित लगा के सुनने से मन एकाग्र होकर समाधि अवस्था में जाने लगता है। यह विचार पांचला सिद्धा पीठ के महंत सूरजनाथ महाराज ने वाणी उत्सव के दूसरे दिन आयोजित दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि रैदास, मीरा, कबीर, शैख़ फरीद आदि की वाणी को जन जन तक पहुंचा कर संस्कृति की रक्षा संभव है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्रामीण विकास एवं चेतना संस्थान द्वारा दान सिंह सहित अन्य पुराने वाणी गायकों की वाणी को संरक्षित किया गया है जो भावी पीढ़ी को दिशा प्रदान करने का कार्य करेगी। उन्होंने वाणी कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए रुमा देवी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कोशल्या चौधरी, निधि बक्शी, गंगागिरी मठ के महंत खुशालगिरी, चंचल प्राग मठ के महंत शम्भु नाथ सैलानी ने विचार व्यक्त कर राजस्थान, गुजरात, पंजाब, मध्यप्रदेश से पधारे वाणी गायन के एक हजार से अधिक कलाकारों की हौसला अफजाई की।|
इन्हें मिली एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि
चार अलग- अलग केटेगरी में चयनित विजेताओं की घोषणा रूमा देवी फाऊंडेशन द्वारा की गई। इस वर्ष नवोदित कलाकार श्रेणी में अशोक सहेलिया, युवा कलाकार श्रेणी में थाना राम दहिया, वरिष्ठ कलाकार श्रेणी में मुरालाला मारवाडा और वीणा भजन परम्परा के संरक्षण हेतु विशिष्ट कार्य करने के लिए भीखाराम विजेता रहे। विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप एक लाख रूपये की राशी और विजेता सर्टिफिकेट उपस्थित अतिथियों के हाथों प्रदान किए गये।
इन कलाकारों को भेंट किए गये वीणा वाद्य यंत्र
लुप्त प्राय हो रहे वीणा वाध्य यंत्र को संरक्षण देने के लिए 15 लोक परंपरा के धार्मिक स्थानों के साथ भोमाराम पंवार, अरुण कुमार गौयल, जबल दान, प्रीतम मालवीय, गणेशा राम, ओम प्रकाश नायक, जय राम सुथार, अशोक सहेलिया, जीवाराम, बाबु दान, मोहन लाल, रविदास गंगापारी, भागूराम, बारुपाल, विष्णु कुमार घांसी, केवला राम, अचला राम, तेजा राम, किरपा राम, नारायण भाई, मुखराम जी पड़िहार, पेमाराम धारावी, मुकेश कुमावत, भंवरु राम, प्रहलाद सिंह, टीकम भारती, तेज भारती, उदगिरी जी महाराज, कुपाराम आदि कलाकारों को पांच लाख के वीणा भेंट किए गये। पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान तेजभारती, कुम्भाराम धनाऊ, मुरालाला मारवाडा, केलम और दरिया आदि कलाकारों ने वीणा पर भजन प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने का कार्य किया।
कार्यक्रम के दौरान यह रहे उपस्थित
दानजी स्मृति मारवाड़ भजनी पुरस्कार वितरण के दौरान पांचला महंत सूरजनाथ महाराज, गंगागिरी मठ के महंत खुशालगिरी, चंचल प्राग महंत शम्भु नाथ सैलानी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, पदम्श्री अनवर खान लंगा, एडिशनल चीफ टाउन प्लानर जयपुर के पी आर बेनीवाल, गोविन्द हुड्डा जोधपुर, कौशल्या चौधरी, प्रवासी भारतीय हिम्मत कुमार बेनीवाल, निधि बक्शी, रिधिमा आदि मेहमानों के साथ सेकड़ों की संख्या में कलाकार और भजन प्रेमी स्त्री पुरुष उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में संस्थान अध्यक्ष रुमा देवी ने सबका आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी उद्घोषक जसवंत सिंह डूडी और रमेश मिर्धा ने किया।
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