अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ अभियान: दो दिन में पांच सौ से अधिक कार्रवाई

अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ अभियान: दो दिन में पांच सौ से अधिक कार्रवाई

जयपुर। राज्य में अवैध खनन गतिविधियों को लेकर करीब 676 संवदेनशील क्षेत्र चिन्हित हैं। इनमें सर्वाधिक 55-55 संवेदनशील क्षेत्र भीलवाड़ा और डूंगरपुर में हैं। बजरी की दृष्टि से टोंक व सवाई माधोपुर जिला सर्वाधिक संवेदनशील जिले हैं। खान सचिव आनन्दी ने चिन्हित सभी संवेदनशील स्थानों पर अधिक फोकस करने के निर्देश देते हुए कहा है कि अवैध खनिज गतिविधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए मूल स्रोत पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी। इसके साथ ही बड़ी मशीनरी व उपकरणों की जब्ती कार्रवाई करने से खान माफियाओं की गतिविधियां की जड़ पर प्रहार होगा। उन्होंने प्रदेश भर में चल रहे अभियान के दौरान दो दिन की कार्रवाई पर अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों की हौसला अफजाई की और इसमें और अधिक तेजी लाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। राज्य में तीसरे दिन भी अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी रही।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने 11 जनवरी की बैठक में स्पष्ट कहा है कि अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो टोलरेंस की नीति है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर ही खान विभाग सहित पांच विभागों द्वारा संयुक्त अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि मुख्य सचिव सुधांश पंत स्वयं अपने स्तर से जिला कलक्टरों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देने के साथ ही नियमित समीक्षा कर रहे हैं। खान सचिव आनन्दी ने बताया कि मंगलवार को जिला कलक्टर डूंगरपुर अंकित कुमार सिंह ने अभियान दल के साथ जाकर सोमकमला बांध में अवैध बजरी खनन करती 8 नौकाओं को जब्त कराने की कार्रवाई की, इससे खनन माफियाओं पर सरकार की मंशा और जीरो टोलरेंस का स्पष्ट संदेश जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों के जिला कलक्टर अभियान के प्रति गंभीर है और अपने मार्गदर्शन व दिशानिर्देशन में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई और मोनेटरिंग कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि अभियान के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।

गौरतलब है कि प्रदेश में सर्वाधिक अवैध खनन गतिविधियां बजरी और मेसेनरी स्टोन से जुड़ी हुई है। टोंक के सभी छह और सवाई माधोपुर के सभी 10 संवेदनशील इलाके बजरी से जुड़े हैं। इसके अलावा सीकर, झुन्झुनू, दौसा, भीलवाड़ा, जोधपुर, पाली, जालौर और बीकानेर जिलों में भी कुछ क्षेत्र अवैध बजरी खनन गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है। इसी तरह से जयपुर, अलवर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, बारां, चित्तोड़गढ़ और चूरु मेसेनरी स्टोन की अवैध खनिज गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है। इसके अलावा अजमेर, सीकर, झुन्झुनू, दौसा, भरतपुर, झालावाड़, उदयपुर, डूंगरपुर, राजसमंद, पाली, जोधपुर, सिरोही, बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर के कुछ क्षेत्र मेसेनरी स्टोन के अवैध खनन गतिविधियों को लेकर संवेदनशील है। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिप्सम को लेकर अतिसंवेदनशील होने के साथ ही बीकानेर और जैसलमेर के कुछ क्षेत्रों में जिप्सम की अवैध खनन गतिविधियां संचालित हो रही है। प्रदेश में मेसेनरी स्टोन, बजरी और जिप्सम के साथ ही कुछ स्थानों पर क्वार्टज फेल्सपार, चाईना क्ले, सेंड स्टोन, कोटा स्टोन, गारनेट, बेन्टोनाईट के भी अवैध खनन गतिविधियां संचालित हो रही है जिन पर भी सख्त निगरानी रखते हुए कार्रवाई की जानी है। अभियान के दौरान दो दिन में 500 से अधिक कार्रवाई करते हुए करीब 40 हजार टन अवैध भण्डारित खनिज की जब्ती की गई है। प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण में लिप्त वाहन व मशीनरी की जब्ती लगाने के साथ ही राज्य सरकार और एनजीटी द्वारा निर्धारित जुर्माना राशि वसूली जा रही है।

 

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