नाबालिग को शुक्रवार को जाना था ससुराल, इसके पहले ही रुकवा दिया गया बाल विवाह
इंदौर। बालिका के बालिग होने में 6 माह बाकी थे। परिवार ने अपनी लाड़ली को ससुराल भेजने की सभी तैयारी कर ली थी, नाबालिग काे 24 नवंबर शुक्रवार को दूल्हा के साथ बारात आकर ससुराल ले जाने वाली थी कि इससे पहले ही बाल विवाह रोधी दल पहुंच गया। बाल विवाह रोधी दल ने परिजनों को बाल विवाह कानून के प्रावधानों की जानकारी देकर सजा के प्रावधान बताए। समझाइश देकर विवाह रुकवा दिया। नार्थ कमाठीपुरा में रहने वाले परिवार ने अपनी 17 वर्ष 6 माह की बेटी का विवाह करने की तैयारी कर ली थी। विवाह शुक्रवार को होना तय था पर इस मामले की शिकायत कंट्रोल रूम भोपाल को पहुंच गई। यहां से शिकायत इंदौर को भेजकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास रामनिवास बुधौलिया के निर्देश पर शहरी परियोजना क्रमांक 6 की परियोजना अधिकारी चित्रा यादव अपने दल और पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। परिजनों से बालिका के बारे में जानकारी ली तो वह नाबालिग निकली। परिजनों से बातचीत की तो बालिका की मां ने बताया कि उसके पिता का निधन हो गया है। उन्होंने पहले ही बेटी का विवाह तय कर दिया था। कामकाजी महिला होने के नाते वह बालिका का ध्यान नहीं रख पा रही थी। कोई घटना न हो इसको देखते हुए वह यह विवाह करने जा रही थी। बाल विवाह रोधी दल ने बालिका की मां, रिश्तेदारों को समझाया और बाल विवाह अधिनियम के तहत की जाने वाली कार्रवाई बताई। समझाइश से सहमत होकर परिजनों ने बालिका का विवाह रोक दिया तथा शपथ पत्र प्रस्तुत कर कहा कि वह बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने के बाद ही उसका विवाह करेंगे।
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