हिमाचल प्रदेश में अनुबंध कर्मचारियों को नियमित होने पर नहीं मिलेगा पिछला लाभ

हिमाचल प्रदेश में अनुबंध कर्मचारियों को नियमित होने पर नहीं मिलेगा पिछला लाभ

शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकारी अनुबंध कर्मचारियों को अब नियमित होने के बाद ज्वाइनिंग तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक 2024 को अपनी मंजूरी दे दी है। जिसके बाद यह विधेयक अब राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है। प्रधान सचिव विधि की ओर से इस सम्बंध में अधिसूचना जारी हुई है। इस विधेयक के लागू होने से करीब 80 हजार अनुबंध कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ेगा जो अब अपनी अनुबंध अवधि को नियमित सेवाकाल में जोड़ने का लाभ नहीं ले पाएंगे।

विधानसभा में हुआ था विरोध
इस विधेयक को हाल ही में धर्मशाला में आयोजित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ध्वनिमत से पारित किया गया था। हालांकि इस विधेयक पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ा विरोध जताया था। भाजपा विधायकों ने तर्क दिया था कि यह विधेयक अनुबंध कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है और इससे हजारों कर्मचारियों को नुकसान होगा।

वहीं सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि यदि अनुबंध कर्मचारियों को ज्वाइनिंग तिथि से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ दिया गया तो पहले से नियमित कर्मचारी डिमोट हो जाएंगे। इससे न केवल प्रशासनिक जटिलताएं बढ़ेंगी बल्कि सरकारी खजाने पर भी अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। विधेयक के प्रमुख प्रावधानों के तहत अब अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित होने पर उनके अनुबंधित कार्यकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। अनुबंधित कार्यकाल को स्थायी सेवा के बराबर नहीं गिना जाएगा, यानी कर्मचारी जिस दिन से नियमित होंगे, उसी दिन से उनकी वरिष्ठता और अन्य लाभों की गणना होगी। यह नियम वर्ष 2003 से लागू माना जाएगा जब प्रदेश में पहली बार अनुबंध कर्मचारियों की नियुक्तियां शुरू हुई थीं।

सरकार का कहना है कि इस कदम से वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि यदि अनुबंध कार्यकाल को वरिष्ठता में जोड़ा जाता, तो राज्य सरकार को भारी वित्तीय भार उठाना पड़ता। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में स्पष्ट किया था कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद-309 के तहत लाया गया है, जो सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तों को नियंत्रित करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में अनुबंध नियुक्तियों की शुरुआत के समय ही सेवा शर्तों को स्पष्ट कर दिया गया था। नियुक्ति पत्रों में यह साफ उल्लेख किया गया था कि अनुबंध अवधि को न तो वरिष्ठता सूची में जोड़ा जाएगा और न ही नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभ दिए जाएंगे।

 

 

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