गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पूरब पर्व पर गुरूद्वारे में गूंजा शबद कीर्तन
धमतरी। गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पूरब पर्व उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस खास अवसर पर 17 जनवरी को पुराना बस स्टैंड के पीछे स्थित गुरुद्वारा में दिनभर शबद-कीर्तन गूंजता रहा। गुरू का आशीष पाने दिनभर लोग गुरुद्वारा पहुंचते रहे। गुरूद्वारा पहुंची भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रंजना डीपेंद्र साहू ने सिखों के 10वें गुरू और खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पूरब पर्व पर आयोजित समारोह में शामिल हुई। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद जी साहेब ने भक्ति व शक्ति का अद्भुत मेल किया। धर्म की रक्षा और मानवता के कल्याणार्थ गुरु गोविंद सिंह जी ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया। कहा जाता है कि गुरु गोविंद जी के समय में हिंदूओं के धार्मिक चिन्हों जिसमें जनेऊ, तिलक आदि को अपमानित किया जा रहा था। इस खोए हुए मान-सम्मान को वापस दिलाने के लिए खालसा पंथ की स्थापना हुई। गुरु जी ने पवित्र साहिब जी को पूरा किया और इसे ही सिक्खों का सास्वत गुरु घोषित किया गया। इसके साथ-साथ गुरु गोविंद जी ने गुरुजी ने सत्य और धर्म की रक्षा के लिए सर्वस्व दांव पर लगा दिया। जयंती पर गुरुद्वारा में अरदास करने नगर पालिका निगम नेता प्रतिपक्ष नरेंद्र रोहरा, विजय मोटवानी, विजय साहू, राजेन्द्र सिंग छाबड़ा,प्रीतपाल छाबड़ा, महामंत्री निलेश लुनिया, अखिलेश सोनकर, जनपद सदस्य जागेश्वरी साहू, युवा मोर्चा जिला महामंत्री जय हिंदुजा, पार्षद प्राची सोनी, महिला मोर्चा सदस्य सीमा चौबे, सरोज देवांगन, नीरज नाहर, संकेत बड़डिया, कोमल सार्वा, अमित साहू सहित अन्य मौजूद रहे।
गुरु ने दिया अंधकार से प्रकाश में जाने का संदेश
रागी जत्था के कलाकारों ने शबद कीर्तन के माध्यम से कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने आजीवन जरुरतमंदों की सहायता की। गुरु उस दीये के समान है, जो अंधेरे को दूर कर प्रकाश फैलाता है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर हम भी अंधकार से प्रकाश की ओर जा सकते हैं। इसलिए उनके बताए सच्चाई के मार्ग पर चलें। जीवन में हर किसी को जीवन में गुरु की आवश्यकता होती है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर ही किसी का जीवन धन्य हो सकता है। बुराई का रास्ता छोड़ कर सच्चाई के मार्ग पर चलें।
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