मोदी को आतंकी हमले की खुफिया रिपोर्ट मिली थी : खरगे

 इसीलिए पीएम ने जम्मू-कश्मीर दौरा किया था रद्द

मोदी को आतंकी हमले की खुफिया रिपोर्ट मिली थी : खरगे

  • खरगे ने जाति जनगणना को लेकर लिखा मोदी को पत्र
  • सर्वे में तेलंगाना मॉडल को अपनाने की मांग, दिए तीन सुझाव
  • पहलगाम हमले को कांग्रेस ने फिर बताया सरकार की असफलता
  • सुरक्षा व्यवस्था में चूक के चलते ही इतनी बड़ी दुर्घटना हुई

नयी दिल्ली/रांची।  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जाति जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा और कहा है कि वह कुछ सुझाव दे रहे हैं ताकि जाति जनगणना जैसी किसी भी प्रक्रिया में पिछड़ों, वंचितों और हाशिये पर खड़े लोगों को उनके अधिकार मिल सकें।  खरगे ने कहा कि पिछले साल इस मांग को लेकर उन्होंने  मोदी को पत्र लिखा तो भाजपा के नेताओं ने उन्हें और कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया तथा लगातार हमले की लेकिन अब खुद प्रधानमंत्री कांग्रेस की इस मांग की गहराई समझ गए हैं इसलिए जाति जनगणना कराने का उन्होंने निर्णय लिया और सामाजिक न्याय और सामाज के सशक्तिकरण के लिए इसे जरूरी भी बताता है।

खरगे ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए अपने पत्र में कहा मैंने 16 अप्रैल 2023 को पत्र लिखकर कांग्रेस द्वारा जातिगत जनगणना कराने की मांग आपके समक्ष रखी थी। अफसोस की बात है कि मुझे उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद आपकी पार्टी के नेताओं और स्वयं आपने कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के नेतृत्व पर इस जायज मांग को उठाने के लिए लगातार हमले किए। आज आप स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि यह मांग गहन सामाजिक न्याय और सामाजिक सशक्तिकरण के हित में है। उन्होंने लिखा आपने बिना किसी स्पष्ट विवरण के यह घोषणा की है कि अगली जनगणना जो वास्तव में 2021 में होनी थी, में जाति को भी एक अलग श्रेणी के रूप में शामिल किया जाएगा। इस संबंध में मेरे तीन सुझाव हैं, जिन पर आप कृपया विचार करें।

कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को  मोदी को लिखित पत्र में सुझाव देते हुए कहां है कि जाति जनगणना के लिए तेलंगाना मॉडल को अपना कर आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा हटाया जाये और इसके लिए तमिलनाडु की तर्ज पर कानून बने। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग कि छात्रों को निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने के लिए अनुच्छेद 15(5) को लागू किया जाय। उन्होंने  मोदी से जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों से बातचीत करने का भी आग्रह किया है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने पहलगाम में आतंकवादी हमले को लेकर केन्द्र सरकार को फिर कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है। रांची के धुर्वा स्थित पुराना विधानसभा मैदान में कांग्रेस पार्टी की तरफ से संविधान बचाओ रैली को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 22 अप्रैल को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 बेगुनाह लोगों की जान चली गयी। केन्द्र सरकार ने खुद माना है कि यह खुफिया एजेंसी (इंटेलिजेंस) की विफलता थी। यह भी कहा है कि वे इसमें सुधार करेंगे। खरगे ने सवाल उठाया कि अगर सरकार को खतरे की जानकारी थी तो पुख्ता सुरक्षा इंतजाम पहले से क्यों नहीं किए गये।

उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी का कश्मीर सौदा प्रस्तावित था। पर एक खुफिया रिपोर्ट के चलते उन्होंने अपना कश्मीर दौरा रद्द कर दिया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरे के संकेत मिलने के बाद सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद क्यों नहीं की गई, पर्यटकों को अधिक सावधान किया जाना चाहिए था और सब तरफ सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए थी। पुख्ता सूचना के अभाव और सुरक्षा व्यवस्था में चूक के चलते ही इतनी बड़ी दुर्घटना हुई और निर्दोष लोग आतंकियों का निशाना बने। कार्यक्रम में पार्टी के कई राष्ट्रीय नेताओं सहित राज्य के पदाधिकारी, सांसद, मंत्री और विधायक मौजूद थे।

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