जांच समिति ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों की पुष्टि की
सीजेआई संजीव खन्ना ने मांगा जवाब
नई दिल्ली। नकदी मिलने के बाद चर्चा में आए दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि नकदी बरामद की गयी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा को इस्तीफा देने की सलाह दी है। चीफ जस्टिस खन्ना ने जांच समिति की रिपोर्ट जस्टिस यशवंत वर्मा को भी भेज दिया है और उनसे जवाब तलब किया है। जांच आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को 4 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से कहा था कि वो दिल्ली हाई कोर्ट से ट्रांसफर किए गए जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई भी न्यायिक कार्य न सौंपें। जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास से 14 मार्च को नकदी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच कमेटी के गठन का आदेश दिया था। राष्ट्रपति ने जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने का आदेश दिया। इसी आदेश के बाद चीफ जस्टिस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को जस्टिस वर्मा को कोई भी न्यायिक कार्य नहीं सौंपने का आदेश दिया।
इसके पहले चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को कहा था कि वे जस्टिस वर्मा से न्यायिक जिम्मेदारियां वापस ले लें। उसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने जस्टिस वर्मा से न्यायिक काम समेत प्रशासनिक जिम्मेदारी भी वापस ले लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 मार्च को इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी के गठन का आदेश दिया था। इस जांच कमेटी में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं।
टिप्पणियां