कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग को हेमंत सरकार ने बना दिया लूट का चारागाह
रांची। पूर्व कृषि मंत्री एवं भाजपा नेता रणधीर सिंह ने प्रदेश की हेमंत सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग को हेमंत सरकार ने लूट का चारागाह बनाकर रख दिया है। सरकार द्वारा चार साल की उपलब्धियों का झूठा बखान किया जा रहा है। सरकार पूरी तरह फेल है। किसान और जनविरोधी इस सरकार का जाना ही राज्यहित में है। भाजपा नेता रणधीर सिंह पार्टी के प्रदेश कार्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग के मामले में हेमंत सरकार के चार साल को देखा जाए तो पूर्व की रघुवर सरकार ने जो रोडमैप तैयार किया था इस सरकार ने कई योजनाओं को बंद कर दिया, तो कई का स्वरूप बदलने का काम किया गया। रघुवर दास की सरकार में चालू कृषि आर्शीवाद योजना के तहत 5000 से लेकर 25000 रुपये सीधे किसानों के खाते में पैसे जा रहे थे, हेमंत सरकार आई तो सबसे पहले बंद किया गया।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार बताए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है और किसानों की क्या गलती थी? रघुवर सरकार में चलाई गई पीएम फसल बीमा योजना को हेमंत सरकार ने पहली कैबिनेट में ही बंद कर दिया। राज्य सरकार ने इसके बदले अपने स्तर से अलग बीमा चलाने का वादा किया था। 4 साल में उसका अता पता नहीं है। 2022 और 2023 में सुखाड़ हुआ, पीड़ितों को अपेक्षित लाभ नहीं मिला। राज्य सरकार तो केन्द्र सरकार से ससमय आग्रह तक नहीं कर सकी कि राज्य में सुखाड़ हुआ है हमें राशि दीजिए। आपदा प्रबंधन के 1000 करोड़ रुपये सरकार के खातों में पड़े हुए हैं, किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है। रंधीर सिंह ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के 10 महीने में 3993 करोड़ रुपये बजट में उपरोक्त सभी विभागों को मिलाकर 614 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। कृषि विभाग में मात्र 28 प्रतिशत, पशुपालन में मात्र 8 प्रतिशत ही राशि खर्च हो पाया है। काॅपरेटिव में खाते में सिर्फ पैसा डाला गया है, खर्च नहीं हुआ है। आंकड़ों की बाजीगरी की गई है। इस वर्ष के कर्ज माफी के कुल 714 करोड़ रुपये में से 435 करोड़ रुपये यह सरकार सरेंडर करने जा रही है।
हेमंत सरकार की नीति और नीयत कुछ भी स्पष्ट नहीं : अनंत ओझामौके पर मुख्य सचेतक सह राजमहल के विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सरकार कृषि के क्षेत्र में कुल बजट का मात्र 28 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है। इस सरकार की नीति और नीयत कुछ भी स्पष्ट नहीं है। राज्य सरकार रोना रोती है कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को राशि नहीं दी जाती है वहीं दूसरी ओर लिखित तौर पर स्वीकारती है कि वह केन्द्र सरकार द्वारा मिली हुई राशि को खर्च नहीं कर पाती है। केन्द्र सरकार की अधिकांश योजनाओं से इस सरकार ने राज्य के किसानों को, जनता को उपेक्षित करने का काम किया है। राज्य सरकार द्वारा कतिपय कारणों का हवाला देकर भूमि अभिलेख का सत्यापन नहीं होने से 8 लाख 49 हजार 61 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभ से वंचित होना पड़ा। यह विधानसभा के अंदर 03 अगस्त 2023 को राज्य सरकार द्वारा लिखित तौर पर स्वीकारा गया है। इसकी जिम्मेदारी हेमंत सरकार को लेनी चाहिए। इस सरकार में पूरे प्रदेश में खनन एवं भूतत्व विभाग में लूट किसी से छिपा नहीं है। बालू लूट, खनिज लूट का मामला जगजाहिर है। पूरे राज्य में कोई ऐसा जिला नहीं है, जहां साहेबगंज जैसी लूट की घटना नहीं हुई है।
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