शहरों में घर खरीदना गरीबों के बजट से कोसों दूर : राहुल
नीट परीक्षा में धांधली की व्यापक स्तर पर हो जांच
- महंगाई चरम पर, लोग परेशान
- विद्यालयों और विश्वविद्यालयों की हालत खराब
नयी दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि महंगाई चरम पर है और शहरी अर्थव्यवस्था में गरीब तथा मध्यम वर्ग के लोगों के लिए घर खरीदना सपना बनकर रह गया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट में आज कहा,हां, आपने सही पढ़ा - और अगर यकीन नहीं हो रहा तो दोहरा देता हूं-मुंबई में घर लेने के लिए भारत के सबसे अमीर पांच प्रतिशत लोगों को भी 109 साल तक अपनी आमदनी का 30 प्रतिशत बचाना पड़ेगा। यही हाल ज्यादातर बड़े शहरों का है, जहां आप अवसर और सफलता की तलाश में एड़ियां घिस देते हैं। कहां से आएगी इतनी बचत।
उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग की विरासत दौलत नहीं, जिम्मेदारियां होती हैं। बच्चों की महंगी शिक्षा,महंगे इलाज की चिंता, माता-पिता की जिÞम्मेदारी या परिवार के लिए छोटी-सी गाड़ी। फिर भी दिलों में रहता है एक सपना - 'एक दिन' एक घर होगा अपना। मगर जब वो एक दिन अमीरों के लिए भी 109 साल दूर हो तो समझिए गरीबों से सपनों का भी हक छीन लिया गया है। राहुल गांधी ने कहा कि हर परिवार की जरूरत है, सुकून वाली चारदीवारी और सर ढ़कने वाली छत- मगर अफसोस आपकी पूरी जिंदगी की मेहनत और बचत से भी ज्यादा है उसकी कीमत। अगली बार जब कोई आपको सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े सुनाए, तो उन्हें अपने घरेलू बजट की सच्चाई' दिखाएं - और पूछें, ये अर्थव्यवस्था किसके लिए है।
कांग्रेस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा-नीट में हो रही कथित धांधली को लेकर राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनटीए) पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया और कहा कि जिस एनटीए को इस परीक्षा को पारदर्शी तरीके से कराने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है वह भ्रष्टाचारी एजेंसी बन गयी है और युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश की एनटीए राष्ट्रीय भ्रष्टाचार एजेंसी बन चुकी है। नीट परीक्षा होती है तो भ्रष्टाचार से जुड़ी नयी-नयी चीजें सामने आती हैं। एनटीए जो भी परीक्षा कराती है, उसका डेटा लीक हो जाता है। एनटीए अविश्वसनीय बन चुकी है और यह परीक्षा एजेंसी किसी भी परीक्षा को पारदर्शी तरीके से आयोजित नहीं कर पा रही है इसलिए इसके अधिकारियों की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनटीए के जरिए हो रही नीट परीक्षा के आयोजन में भ्रष्टाचार अत्यंत गंभीर तरीके से सामने आ रहा है। केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) ने महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें कुछ लोग गिरफ्तार हुए हैं और इसमें गंभीर बात यह है कि प्राथमिकी में पैसा लेकर ओएमआर शीट बदलने की बात सामने आई है। नीट परीक्षा के माध्यम से बच्चे डॉक्टर बनते हैं जो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ होती है। इस प्राथमिकी के बाद एनटीए फिर शक के घेरे में है, लेकिन उसके खिलाफ अब तक कोई बड़ी जांच नहीं बिठाई गयी है। कांग्रेस की मांग है कि एनटीए की जांच हो और नीट परीक्षा पारदर्शिता तरीके से आयोजित कराई जानी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सीबीआई कह रही है कि इस मामले में एनटीए का कोई अधिकारी शामिल नहीं है तो उसे यह भी बताना चाहिए कि फिर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज क्यों कराया गया है। इस मामले में तीन लोग फरार बताए जा रहे हैं तो दो लोगों को जमानत कैसे मिल गई। उन्होंने कहा कि यह संभव ही नहीं है कि परीक्षा में इतनी बड़ी गड़बड़ी हो और इसमें किसी अधिकारी की मिलीभगत नहीं हो। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, शिक्षा बजट को कम किया जा रहा है, एक भी परीक्षा सही से आयोजित नहीं की जा रही है, विद्यालयों और विश्वविद्यालयों की हालत खराब है, नीट जैसी परीक्षाओं में धांधली की जा रही है। आखिर हम देश की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को कहां पहुंचा रहे हैं। सीयूईटी पेपर का डेटा प्राइवेट कॉलेज के पास पहुंच रहा है। पेपर होने के बाद प्राइवेट कॉलेज अभिभावकों के पास एडमिशन के लिए कॉल करते हैं।
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