मोहर्रम पर नई परम्परा पर रोक, छोटी घटनाओं को गंभीरता पूर्वक से ले अधिकारी
डीजीपी ने सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखने का दिया निर्देश
लखनऊ। यूपी में मोहर्रम को सकुशल सम्पन्न कराने को लेकर पुलिस महानिदेशक यूपी राजीव कृष्ण काफी गंभीर हैं। इसीलिए सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त और दुरूस्त करने का निर्देश दिया है। डीजीपी का निर्देश है कि 27 जून से प्रारंभ होकर 6 जुलाई को सम्पन्न होने वाले मोहर्रम को लेकर कहा है कि प्रत्येक थाने पर उपलब्ध त्यौहार रजिस्टर तथा रजिस्टर नंबर-8 में उपलब्ध प्रविष्टियों का अध्ययन कर लिया जाय तथा जुलूस के नये रास्ते व नई परम्परा की अनुमति कदापि न दी जाय। विगत वर्षों में अथवा इस वर्ष अभी तक जिन-जिन स्थानों पर किसी प्रकार का विवाद परिलक्षित हुआ हो, वहॉं पुलिस एवं राजस्व विभाग के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा अभी से स्थिति का अध्ययन कर लिया जाय एवं विवाद को सुलझाने तथा संवेदनशीलता को दूर करने के लिये कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
अधीनस्थ कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिये जायें कि वे अपने बीट में जाकर सभी प्रकार के विवाद आदि की जांच कर ले एवं बीट सूचना प्राप्त होते ही वरिष्ठ अधिकारी मौकों पर जाकर विवाद को समय रहते हल कर लें। आवश्यकतानुसार विभिन्न विवाद के स्थलों, मार्गों का भ्रमण जिलाधिकारी,पुलिस आयुक्त,पुलिस अधीक्षक,उप जिलाधिकारी,सहायक पुलिस आयुक्त,क्षेत्राधिकारी द्वारा भी कर लिया जाये। असामाजिक, साम्प्रदायिक तत्वों की सूचियों को अद्यावधिक किया जाय और तद्नुसार आवश्यकता पड़ने पर इन साम्प्रदायिक एवं अवॉंछनीय तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
मोहर्रम के जुलूस व मजलिस व अन्य आयोजनों से सम्बन्धित अंजुमन व समितियों को सूचीबद्ध कर इनकी गोष्ठी कर ली जाये तथा मोहर्रम के दौरान होने वाले समस्त कार्यक्रमों को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु योजना बना ली जाये। मोहर्रम की मजलिसों में महिलाओं का आवागमन अधिक संख्या में होता है। प्रात:काल के समय तथा अंधेरे में भी महिलायें कार्यक्रमों में सम्मिलित होने जाती हैं। इस सम्बन्ध में हॉटस्पाट चिन्हित कर प्रभावी पुलिस व्यवस्थापन किया जाये। समस्त जनपदों में प्रात:काल गश्त व चेकिंग हेतु पुलिस पार्टी नियमित रूप से निकाली जाये। प्रात:कालीन गश्त, चेकिंग पार्टी द्वारा सघन रूप से चेकिंग करते हुये यह सुनिश्चित किया जाये कि कहीं पर कोई आपत्तिजनक पोस्टर व सामग्री न लगा हो।
जुलूसों व कार्यक्रमों के दौरान लोक व्यवस्था के प्रतिकूल, आपत्तिजनक तथा अवैधानिक गतिविधियां न होने पाये। इसके दृष्टिगत कार्यक्रमों की समुचित वीडियोग्राफी करायी जाये, सीसीटीवी कैमरों को सक्रियता पूर्व से सुनिश्चित कर ली जाये तथा ड्रोन कैमरों से चेकिंग करायी जाये। मोहर्रम के जुलूसों में भारी संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं। जुलूसों में सुरक्षा के लिये योजनाबद्ध रूप से पुलिस प्रबन्ध किया जाये। जुलूस में बॉक्स फार्मेट में चारो तरफ आगे-पीछे व दोनो तरफ पुलिस बल की ड्यिटी लगायी जाय। जुलूस के आगे-पीछे राजपत्रित अधिकारियों की ड्यिटी लगायें। जनपद के अन्तर्गत विभिन्न शहरों, कस्बों तथा मोहल्लों में पूर्व में गठित शान्ति समितियों की बैठक आयोजित कर सम्भ्रान्त नागरिकों, धार्मिक गुरूओं आदि का सक्रिय सहयोग लिया जाये। त्यौहारों पर सार्वजनिक स्थल यथा बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, बाजारों, भीड़-भाड़ वाले और संवेदनशील/धार्मिक स्थानों पर आवश्यकतानुसार चेकिंग कराते हुये पुलिस बल का व्यवस्थापन कराया जाये। स्वान दल, आतंकवाद निरोधक दस्ता एवं बम निरोधक दल के माध्यम से सघन जाँच एवं तलाशी सुनिश्चित की जाये। यातायात कदापि न बाधित होने पाये। बैरियर एवं पुलिस चेक पोस्ट लगाकर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कराई जाये।
मोटर वाहन अधिनियम के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाये। किसी भी धार्मिक कार्यक्रम व जुलूस के दौरान सार्वजनिक स्थल पर किसी भी दशा में अवैधानिक अस्त्र व शस्त्र का प्रदर्शन न हो। अवैध अस्त्र शस्त्र लेकर चलने वालों के विरूद्ध कड़ी विधिक कार्यवाही की जाये। भीड़ व दंगा नियंत्रण से सम्बन्धित उपकरणों को तैयारी हालत में रखा जाय, जिससे आवश्यकता पड़ने पर उनका तुरन्त उपयोग किया जा सके। सहायक पुलिस आयुक्त व क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों, कमिश्नरेट व जनपद के पुलिस कार्यालयों व परिक्षेत्रीय कार्यालयों में काफी संख्या में पुलिस कर्मी मौजूद रहते हैं। इनको तैयारी हालत में रिजर्व के रूप में रखा जाय और वहीं पर हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर आदि की व्यवस्या रखी जाय, जिससे इन्हें रिजर्व फोर्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
स्थानीय अभिसूचना इकाई के कार्मिकों को सतर्क कर दिया जाय। विभिन्न असामाजिक, अवॉंछनीय एवं साम्प्रदायिक तत्वों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाय एवं अभिसूचना इकाईयों के माध्यम से प्राप्त होने वाली लाभप्रद सूचनाओं के आधार पर समय रहते प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। नियंत्रण कक्ष व उप नियंत्रण कक्ष सुचारू रूप से व्यवस्थापित किये जाने तथा त्वरित सूचना प्रेषण एवं उस पर कार्यवाही की सुदृढ़ प्रक्रिया निर्धारित की जाये।
सोशल मीडिया की राउण्ड द क्लॉक मॉनिटरिंग की जाये। सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे-फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर एवं व्हाट्सएप आदि पर सतर्क दृष्टि रखते हुए भ्रामक व आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित होने पर संज्ञान में आते ही उसे ब्लॉक करते हुए सम्बन्धित के विरूद्ध विधिक कार्रवई करते हुए प्रभावी खण्डन किया जाये।
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