संघर्ष समिति ने की मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने लागू किया आपातकाल
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वे ऊर्जा निगमों में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल द्वारा लागू की जा रही आपातकाल जैसी परिस्थितियों में तत्काल हस्तक्षेप करने की कृपा करें जिससे ऊर्जा निगमों की औद्योगिक शांति न भंग हो और इस भीषण गर्मी में प्रदेश की बिजली व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए। समिति ने कहा कि विगत सात माह से आंदोलनरत बिजली कर्मी आंदोलन के साथ-साथ बिजली व्यवस्था सामान्य बनाए हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि इससे बौखलाए चेयरमैन समय समय पर बिजली कर्मचारियों को उकसा कर बिजली व्यवस्था बेपटरी करने पर आमादा हैं।
समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चेयरमैन डॉ आशीष गोयल ने यह कहा था कि जो बिजली कर्मचारी जेल जाना चाहते हैं उनके ससम्मान जेल भिजवा दिया जाएगा। अब पावर कारपोरेशन ने जेल जाने वाले कर्मचारियों का विवरण मांगने के लिए एक फॉर्मेट जारी कर दिया है। फॉर्मेट में जेल जाने वाले कर्मचारियों की सूची 26 जून तक मांगी गई है। यह भी धमकी दी जा रही है कि 1975 में लागू आपातकाल में 19 माह बाद लोग रिहा कर दिए गए थे किन्तु अब गिरफ्तार किए जाने वाले बिजली कर्मियों को रिहा नहीं किया जाएगा।
समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन का यह कदम सरासर अवांछनीय और बेहद उकसाने वाला कदम है जिससे प्रदेश की बिजली व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। समिति ने कहा कि बिजली के निजीकरण के विरोध में तथा चेयरमैन के अन्यायपूर्ण कृत्यों और दमन के विरोध में पावर कारपोरेशन का एक एक कर्मचारी जेल जाने को तैयार है। चेयरमैन को इस बात का एहसास नहीं है कि वे ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति और टकराव का वातावरण बना कर प्रदेश को अंधेरे में डालना चाहते हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि चेयरमैन जब चाहें बिजली कर्मी लाइन लगाकर सभी जनपदों में सामूहिक गिरफ्तारियां देने के लिए तैयार हैं।
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