निजीकरण के विरोध में विशाल बिजली महापंचायत की तैयारी
198वें दिन प्रांत व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रहा
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में आगामी 22 जून को लखनऊ में होने वाली बिजली महापंचायत में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और पावर कारपोरेशन प्रबंधन को बुलाने का निर्णय लिया है। महापंचायत में किसानों,आम उपभोक्ताओं और सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय नेता सम्मिलित होंगे। ऊर्जा मंत्री द्वारा निजीकरण के पक्ष में कल दिये गये बयान से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त हो रहा है। संघर्ष समिति के आह्वान पर आज लगातार 198वें दिन प्रांत व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,उप्र ने ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा द्वारा निजीकरण के पक्ष में दिये गये बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संघर्ष समिति ने आगामी 22 जून को लखनऊ में आयोजित बिजली महापंचायत में ऊर्जा मंत्री को आमंत्रित करते हुए कहा है कि ऊर्जा मंत्री महापंचायत में आकर बिजली कर्मियों,किसानों और आम उपभोक्ताओं को बिजली के निजीकरण का लाभ समझाये तो बेहतर होगा।
समिति ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने कल दिये गये बयान में ग्रेटर नोएडा और आगरा में बिजली के निजीकरण की प्रशंसा करते हुए कहा है कि आगरा और ग्रेटर नोएडा में निजीकरण के बाद बहुत सुधार हुआ है। समिति ने कहा कि आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत 44 हजार करोड़ रूपये खर्च करने के बाद जब प्रदेश की बिजली व्यवस्था सुदृढ़ हो गयी है तब सरकारी पैसे से बिजली व्यवस्था सुधार कर निजी घरानों को देना किस सुधार प्रक्रिया का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में घाटे की परवाह न करते हुए किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में इस भीषण गर्मी में बिजली कर्मी रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री आये दिन इसका श्रेय भी ले रहे हैं किन्तु वकालत निजी घरानों की कर रहे हैं।
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