बंडा प्रशासन की लापरवाही: नहीं मिले गरीबों को कंबल

बंडा प्रशासन की लापरवाही: नहीं मिले गरीबों को कंबल

बंडा/शाहजहांपुर। पिछले कुछ दिनों से मौसम ने अचानक करवट ले ली। सर्द हवाओं और गलन ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। कड़ाके की ठंड में आम जनजीवन प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री ने शीतलहर से निराश्रितों और जरूरतमंदो को बचाने के लिए कंबल वितरण व अलाव की व्यवस्था के लिए पिछले माह ही भारी -भरकम बजट जारी कर दिया है। इसके बाद भी प्रशासन की तरफ से नगर पंचायत बंडा में जरूरतों को कंबल मुहैया नहीं करा पाया है। प्रशासन की लचर कार्यशैली से लोग प्रशासन को कोस रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कहीं भी अलाव और कंबल की कमी नहीं होने पाए।

और कंबल की गुणवत्ता भी बेहतर होनी चाहिए। लेकिन नगर में आलम यह है कि लेखपाल जरूरतमंदो की सूची बनाकर तो ले गये। लेकिन कड़ाके की सर्दी में किसी को कंबल नहीं मिल पाए हैं। लेखपाल का तर्क है कि शासन से कंबल तो दिए गए,पर उन्हें नहीं मिल पाए। इसी वजह से बंडा में कंबल का वितरण नहीं र पाया। जबकि सूबे के मुखिया ने दिसंबर में ही कंबल खरीद के लिए करोड़ों रुपए आवंटित कर दिए थे। ताकि गरीबों को समय से कंबल मिल जाए। लेकिन अधिकारियों के काम करने का पुराना ढर्रा आज भी कायम है। सो इस बार भी वही हो रहा है।

पूरी जनवरी बीत गयी है। लेकिन अपने वातानुकूलित कमरों से  निकलकर निराश्रितों की पीड़ा देखने का समय अफसरों के पास नहीं है। यही वजह है कि इन अफसरों को ठंड का अहसास नहीं हो रहा है। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से लोहा लेने वाले असहायों का दर्द प्रशासन की लापरवाही को चीख- चीख कर बंया कर रहा है। ऐसे में गरीब, बुजुर्ग वर्ग का एक बड़ा तबका सरकार की ओर से मिलने वाले कंबलों के इंतजार में हैं। फिलहाल प्रशासन की लापरवाही सरकार आदेशों को ठेंगा दिखा रहा है। तो वहीं अफसरों की लापरवाही का खमियाजा बेसहारा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

 

About The Author

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां