Tejashwi Yadav के स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल
मुजफ्फरपुर। मातृ-शिशु सदन के शिशु ओपीडी के बाहर अपने बच्चों को लेकर चार माताएं बैठी थीं। आमगोला निवासी अमन कुमार ने बताया कि वह बेटे को दिखाने के लिए आए हैं। दोपहर 12:30 बजे पर्ची कटाया। उसके बाद से इंतजार कर रहे हैं। 01:45 बजे बताया गया कि अब तीन बजे आइए।
कहा कि बेटा को पतला पैखना हो रहा है। बताया कि अंदर जाकर देख लीजिए। चिकित्सक के चैम्बर में लैपटाप रखा था। एक कर्मी उसकी रखवाली कर रहा था। बाहर बैठीं रसीदा खातून ने बताया कि बेटे को भूख नहीं लगती है। वह दोपहर 12 बजे से यहां पर बैठी हैं। बालूघाट निवासी उमेश महतो बेटे को दिखाने आए थे।
सदर अस्पताल में डॉक्टर के इंतजार में बैठे मरीज
बताया कि एक बजे से इंतजार कर रहे। बच्चे को तेज बुखार है। उसके बाद वह निजी चिकित्सक से दिखाने के लिए निकल गए। मोतीपुर से आए रामलखन प्रसाद भी बेटे को लेकर निकल गए। महिला ओपीडी में चिकितसक नहीं थीं। वहां पर कर्मी हीटर का आनंद ले रहे थे। पूछने पर बताया कि चिकित्सक ओपीडी में गए हैं।
इधर-उधर भटकते रहे मरीज
परिसर में इधर-उधर भटकते रहे मरीज सदर अस्पताल परिसर में मोतीझील से आईं शोभा देवी ने बताया कि उसका मरीज भर्ती हैं। गर्म पानी के लिए बाहर जा रहे हैं। अलाव भी नाम का ही है। इमरजेंसी, आउटडोर के बाहर, जनरल वार्ड के पास अलाव रहना चाहिए। वहां नहीं है। कोट मरीजों को दो-दो कंबल देने को कहा गया है।
हीटर के पास मौजूद कर्मी
इसके साथ ही अलाव की व्यवस्था के लिए कहा गया है। शिशु विभाग में चिकित्सक रोस्टर लगाया गया है। कौन चिकित्सक तैनात है। इस संबंध में प्रबंधक से जवाब मांगा गया है। ये होना चाहिए जो नहीं हो रहा - आउटडोर व वार्ड के बाहर रहना चाहिए गर्म पानी का इंतजाम वह नहीं है।
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