सर्व समाज के लिए समर्पित रहने का उद्देश्य और महत्व समझना बेहद जरूरी : हाजी चमन भाई
गाजियाबाद, ( तरूणमित्र )
समाज में सबके हितों के लिए अपनी सोच में शामिल करना ही सर्व समाज के लिए समर्पित रहना कहा जाता है और इसका अपना महत्व भी अलग ही होता है, जाति और धर्म से ऊपर अगर कोई नाम आता है तो वह इंसानियत का नाम है, अखबारों या चैनलों की सुर्खियाँ न बनने वाले समाजसेवी और महानगर मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष हाजी चमन भाई ने आज पहली बार प्रदेश की राजधानी लखनऊ से प्रकाशित राष्ट्रीय हिंदी दैनिक तरूणमित्र समाचार पत्र से अपनी बात साझा करते हुए कहा कि वह 40 वर्षों से लगातार सामाजिक सरोकारों को निभाते आ रहे हैं परन्तु उन्होंने मीडिया में उन्होंने सुर्खियां बनना ठीक नहीं समझा उनका मानना है कि हमें सही दिशा में अपने कर्तव्यों का पालन करते रहना चाहिए जिससे सर्व समाज का हित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि हिन्दू-मुस्लिम की सोच से काम नहीं करना चाहिए क्यों कि हम सब आपस में तालमेल और प्यार से अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं, चमन भाई ने कहा कि वह हमेशा गरीब बेटियों की शादी में योगदान करते हैं लेकिन मुट्ठी बंद करके ताकि तीसरे व्यक्ति को पता नहीं चलना चाहिए कि आपने मदद की है बल्कि जिसकी मदद आप कर रहे हैं उसे भी इस बात का एहसास न हो कि उसकी रुसवाई हुई है। उन्होंने कहा कि वह जब तक जीवित हैं इसी प्रकार मदद करने के लिए आगे खड़े रहेंगे, चाहे हिन्दू की बेटी हो या मुस्लिम की वह सिर्फ हमारी बेटी है बस हमें अपनी सोच में यही शामिल रखना होगा तब ही हम सब समाज को एकजुट करने का काम कर सकेंगे और इसी को असल समाजसेवा कहा जाना चाहिए।