माता पिता से मिले सुझाव के लक्ष्य को करें हासिल - धर्मवीर प्रजापति

कारागार मंत्री ने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को किया सम्मानित

माता पिता से मिले सुझाव के लक्ष्य को करें हासिल - धर्मवीर प्रजापति

  • एसआर इंस्टिट्यूट में हुआ स्पोर्ट खिलाड़ियों का भव्य कार्यक्रम
लखनऊ। राजधानी के बीकेटी स्थित एसआर इंस्टीट्यूट में प्रभाशाली खिलाड़ियों के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शनिवार को एसआर इंस्ट्यूट में आयोजित अब्दुल कलाम इण्टर टेक्निकल स्पोर्ट्स फेस्ट-2023 में बतौर मुख्य अतिथि कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति शामिल हुए।उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि माता-पिता एवं परिवार द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशों एवं सुझाव का पालन करते हुए अपना लक्ष्य निर्धारित करें। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करें और सफलता प्राप्त कर माँ-बाप के सपनों को साकार करें। ऐसी कोई गलती न करें, जिससे कि आपके परिवार जो जोखिम उठाना पड़े। आपकी एक गलती पूरे परिवार को संकट में डाल सकती है। परिवार आपकी एक गलती के कारण समाज में अलग-थलग पड़ जाता है। बेटी की शादी से लेकर आर्थिक संकट तक का सामना पूरे परिवार को उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जेलों के निरीक्षण एवं बन्दियों के साथ संवाद करने के पश्चात वहाँ की स्थिति देखकर कालेजों स्कूलों के बच्चों के साथ संवाद करने का विचार आया।
 
उन्होंने छात्रों से कहा कि माँ-बाप बहुत-सी परिस्थितियों का सामना करते हुए एवं अपने दैनिक जीवन के खर्चों में कटौती करते हुए आपकी पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था करते हैं। साथ ही आपसे उम्मीद करते हैं कि आप एक दिन सफल होकर उनका नाम समाज एवं देश में रोशन करें। आपकी सफलता माता-पिता को संतुष्टि प्रदान करता है। इसके अलावा एक माँ-बाप को अपनी संतान से और कोई इच्छा नहीं रहती। कारागार मंत्री ने बच्चों को पर्यावरण एवं जल संरक्षण के विषय पर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि आज भूमिगत जल का दोहन अत्यधिक बढ़ जाने के कारण भू-जलस्तर दिन-प्रतिदिन नीचे गिरता जा रहा है। इसी प्रकार पेड़-पौधों की कमी के कारण पर्यावरण भी न केवल प्रदूषित हो रहा है, बल्कि प्रकृति पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्द्धन जरूरी है। उन्होंने संवाद के दौरान कहा कि यह जानकर बहुत कष्ट होता है कि 40 वर्ष से कम आयु वाले 80 प्रतिशत युवा जेलों में है। बच्चे देश-प्रदेश का भविष्य यदि न बन पाये तो कम-से-कम अपने परिवार का तो भविष्य होता ही है।
 
जिस परिवार का भविष्य जेलों में हो उस परिवार पर क्या बीतती होगी, इसका अंदाजा लगाना भी बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि युवा वर्तमान समय में समाज की मुख्यधारा है। इसलिए समाज की मुख्यधारा अपने अनुभव शेयर करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। पहले बुजुर्गों से पूछा जाता था कि क्या करना है और कैसे कराना है, परन्तु अब समय के साथ बदलाव आया है। अब बच्चों से पूछा जाता है कि क्या करना है। साथ ही विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए मेडल एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए। वहीं एमएलसी पवन सिंह चौहान ने कहा की खेल के अनुशासन से शिक्षा में सफल बनने में मद्दत मिलती है। कार्यक्रम में प्रदेश स्तर के 8 जोन से करीब एक हजार विभिन्न कालेजों के प्रतिस्पर्धा छात्र शामिल रहे।
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