5 केडी तक सीमित न रहें, सड़कों पर निकलिये: योगी
सीएम ने 50 बसों, 38 इंटरसेप्टर वाहनों व 12 पब्लिसिटी वैन को दिखाई हरी झंडी
- 4100 ई वाहन स्वामियों को भी 13 करोड़ अनुदान राशि का किया हस्तांतरण
- ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट ऑटोमेशन को ले परिवहन विभाग व मारुति में करार
लखनऊ। सड़क सुरक्षा हमारे लिये बड़ी चुनौती है, प्रदेश में हर एक नागरिक का जीवन हमारे लिये कीमती है। कोरोना काल में जितनी संख्या में मानवीय जीवन की क्षति हुई, उससे कहीं ज्यादा हमारे यहां विभिन्न कारणों के चलते सड़क हादसों में लोगों की जानें चली जाती हैं जिसे हर हाल में रोकना और नियंत्रित करना है। सड़क सुरक्षा जनजागरुकता कार्यक्रमों को लेकर केवल 5 केडी तक सीमित न रहें, बल्कि गांव, कस्बों, चौक-चौराहों, स्कूल-कॉलेजों और सड़कों तक निकलिये। ये बातें शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पांच कालीदास मार्ग पर आयोजित एक उद्घाटन समारोह के दौरान कही।
इस दौरान सीएम ने पहले 4100 ई वाहन स्वामियों के लिये आवंटित तकरीबन 13 करोड़ की ई सब्सिडी की राशि ऑनलाइन हस्तांतरित की। साथ ही मौके पर मंच से ही ऐसे दस ई वाहन स्वामियों को चेक भी सौंपा। इसके बाद 38 इंटरसेप्टर वाहनों और एक दर्जन पब्लिसिटी वैनों के अलावा बीएस 6 मॉडल की 50 रोडवेज बसों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सीएम ने कहा कि यूपी के मार्केट के हिसाब से करीब दो लाख ई बसों की जरूरत है, ये बेडेÞ में शामिल होने के साथ ही एक तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और दूसरे इससे प्रदेश वासियों को वायु प्रदूषण भी निजात मिलेगी। आगे कहा कि कोशिश यह हो कि सभी पेट्रोल पंपों पर एक प्रकार से ई चॉर्जिंग स्टेशनों को बनाया जाये जिससे कार्बन उत्सर्जन की समस्या भी दूर होगी।
सीएम ने बताया कि जहां तक बात परिवहन निगम की है तो प्रयागराज में बीते कुम्भ समारोह में रोडवेज की बसों की श्रृंखलाबद्ध होकर यात्रियों को बहुमूल्य सेवायें दी और साथ ही वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया। इसके अलावा कोरोना काल में भी इन्हीं बसों ने संकटकालीन साथी बनकर लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। सीएम ने कहा कि निगम को बजट से 400 करोड़ की फंडिंग व्यवस्था की गई है जिससे आम परिवहन सुविधायें बढ़ायी जायेंगी।
इससे पूर्व परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में सड़क हादसों के ग्राफ में हमारा प्रदेश जोकि एक बहुलता आबादी वाला सूबा है, इसके बावजूद पूरे देश में यह चौथे स्थान पर है जबकि इससे ऊपर तमिलनाडुु, केरल और मध्य प्रदेश है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर हाल में हम सभी मिलकर यूपी में सड़क हादसों की बढ़ती स्थितियों को कम करेंगे। बताया कि जो ये 38 इंटरसेप्टर वाहन हैं उनमें हाईफाई तकनीक से लैस है जिसमें ब्रेथ एनलाइजर, कैमरा आदि हैं जोकि खासकर सड़कों पर ओवरस्पीडिंग पर प्रभावी नियंत्रण लगाने में मददगार साबित होंगे। कहा कि आगे 22 और ऐसे इंटरसेप्टर आने वाले हैं।
वहीं विभागीय मंत्री ने सीएम से अनुरोध करते हुए कहा कि 1991 से अब तक निगम और विभाग में नये सिरे भर्ती नहीं हुई, ऐसे में वाहन और बसें तो बढ़ गई मगर उनके बेहतर संचालन के लिये अधिकारियों और कर्मियों की जरूरत है। इस दौरान मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू, एमडी रोडवेज मासूम अली सरवर और परिवहन आयुक्त चन्द्रभूषण सिंह, अपर परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी और अशोक सिंह, डीटीसी लखनऊ जोन सुरेंद्र कुमार, एटीसी प्रवर्तन मुख्यालय नरेश वर्मा,आरटीओ प्रशासन लखनऊ रामफेर द्विवेदी, आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज, रोडवेज के जीएम टीम में मनोज पुंडीर, यजुवेंद्र कुमार, अजीत सिंह और आरएम लखनऊ रीजन आरके त्रिपाठी सहित रोडवेज के अधिकारीगण मौजूद रहे।
स्कूल बसों के लिये बनायें ‘कॉमन पालिसी’: मुख्यमंत्री
-बोले, ई बसें चलेंगी तो रुकेगा डीजल चोरी
पांच कालीदास मार्ग पर आयोजित परिवहन विभाग व यूपी रोडवेज के संयुक्त कार्यक्रम में सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि सड़क सुरक्षा के मद्देनजर खासकर स्कूली बसों के संचालन को लेकर विभाग को एक कॉमन पालिसी बनाने पर विचार करना चाहिये ताकि स्कूली बच्चों को सुरक्षित परिवहन सुविधा मिल सके।
इसके अलावा सीएम ने यह भी कहा कि जब सड़कों पर अधिकाधिक ई बसें चलेंगी तो यूपी रोडवेज में जो डीजल चोरी की घटनायें होती रहती हैं वो भी रुकेगी। इससे पूर्व सीएम योगी को मारुति कंपनी के अधिशाषी निदेशक राहुल भारती ने भगवान मारुति की प्रतिमा भेंट की जिस पर सीएम ने मंच पर उनसे पूछा कि क्या आपके यहां भी इनकी मूर्ति लगी है।
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