#Hardoi-डी एम की सख्ती के बावजूद नही सुधर रहे आयुर्वेदिक अस्पतालों के हालात
ज्यादातर डॉ गायब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे इलाज,भगवान भरोसे चल रहे अस्पताल
On
विभागीय मिली भगत से घर बैठे ले रहे डॉक्टर तनख्वाह-सूत्र-

हरदोई।उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिये हर जिले में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सके, लेकिन विभागीय जिम्मेदार सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहें है।दरसल दैनिक तरुणमित्र की पड़ताल में आटदानपुर अस्पताल में तैनात कर्मचारी ओम प्रकाश द्वारा मरीजों से इलाज के बारे में जानकारी करने पर बताया गया कि डॉ जितेंद्र कुमार ने अभी कुछ दिन पूर्व चार्ज लिया है।लखनऊ से आते हैं,हाजिरी रजिस्टर की माने तो डॉ जितेंद्र की एडवांस अटेंडेंस पर दसख्त मौजूद थे,जिस पर उसने बताया विभागीय काम से डॉक्टर साहब शाहजहांपुर चले गए,वही दूसरे अस्पताल रेभा मुरादपुर में भी यही हालात मिले जहां पर तैनात डॉ प्रीति सिंह भी डियूटी से नदारद थी,मौके पर मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कमलेश कुमार द्वारा डॉक्टर की कुर्सी पर बैठकर स्वयं इलाज किया रहा था,जानकारी करने पर बताया गया डॉक्टर साहब लखनऊ मीटिंग में गई हैं।जब कि विभागीय सूत्रों की माने तो जिला स्तरीय आयर्वेदिक डॉक्टरों की कोई मीटिंग लखनऊ में नही थी,जबकि अभी कुछ दिन पूर्वी नवनियुक्त जिला अधिकारी अनुनय झा द्वारा आयुर्वैदिक डॉक्टर की एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें भी ज्यादातर डॉक्टर नदारद थे इस पर जिला अधिकारी ने आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी को सख्त लहजे में सभी डॉक्टर से नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था, लेकिन जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद विभागीय जिम्मेदार अभी भी अपने कारनामों से बाज नहीं आ रहे हैं।सूत्रों की माने तो राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से अस्पतालों पर तैनात चिकित्सक घर बैठे ही वेतन लेते चले आ रहे है।
जिसके कारण मरीजों को दर दर भटकने के लिए मजबूर होना पड रहा है। कही अस्पतालों से चिकित्सक गायब तो कही पर खाली पड़ी कुर्सियां चिकित्सकों के गायब रहने की गवाही दे रही है।ग्रामीण क्षेत्रों के आयुर्वेदिक अस्पताल अधिकारियों की मिली भगत से मरीजों के लिए दिखावा बनकर रह गए है। मरीज अपने मर्ज की दवा लेने के लिए आते हैं, लेकिन चिकित्सकों के न आने के कारण बिना दवा के लौट कर चले जाते है। ग्रामीणों ने चिकित्सकों के न आने की कई बार विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत भी की है। लेकिन आला अधिकारियों ने शिकायत के बाद भी आखें बंद कर ली है। जिसके कारण अस्पतालों पर तैनात चिकित्सक घर बैठे ही सरकार से वेतन पाते चले आ रहे है। जबकि इस सम्बंध में जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी आशा रावत से कई बार फोन पर संपर्क किया गया इसके बाद उन्होंने फोन उठाया उनके द्वारा बताया गया की डॉक्टर जितेंद्र अभी एप्लीकेशन देकर छुट्टी पर गए हैं, और पूरी तरह गैर जिम्मेदार डॉक्टरों का बचाव करती नजर आई।

About The Author
Related Posts
अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें
Latest News
10 Jul 2025 23:48:13
रायगढ़। रायगढ़ जिले के खरसिया थाना क्षेत्र में पिता-पुत्र के बीच घरेलू विवाद इतना बढ़ गया कि बेटे ने टांगी...
टिप्पणियां