प्रार्थिनी की मांग, न्याय दिलाए या इच्छा मृत्यु की अनुमति
कुशीनगर। कुशीनगर की एक महिला ने प्रधानमंत्री समेत सभी प्रशासनिक अधिकारियों को एक मेंल भेजा गया है। इसमें प्रार्थिनी ने न्याय या इच्छा मृत्यु की मांग की है। प्रार्थिनी का मेल तरुणमित्र को भी प्राप्त हुआ है जो अक्षरश: निम्न है।
मै प्रार्थिनी पूजा पटेल पत्नी कन्हैया पटेल ग्राम - मंझरिया थाना -सेवरही जिला कुशीनगर की निवासिनी हुं। पति, सास, ससुर एवं नंद ननदोई द्वारा मारपीट एवं दहेज हेतु प्रताड़ना के विरूद्ध दिनांक 11.01.2024 को थाना सेवरही जनपद कुशीनगर में मुकदमा भी पंजीकृत है। मुकदमा दर्ज होने के उपरांत पति, सास, ससुर एवं नंद मोबाइल कांफ्रेंस में मेरी हत्या का घड्यन्त्र रच रहे हैं, जिस सम्बन्ध में मेडिकल के साथ स्थानीय थाना में कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र भी दिया किन्तू पुलिस कार्यवाही की बजाय हम प्रार्थनी को ही प्रताड़ित कर रहे है।
दिंनाक 19.01. 2024 को सुबह 11 बजे मेरे सास -ससुर ने लाठी से मारते हुए गला दबाने का प्रयास किया, जिस कारण हमारे सर पर गंभीर चोट लगी, गला एवं शरीर जगह -जगह खरोच के निशान थे। मेरे 10 माह के बेटे को जल रहे आग में धकेल दिया गया। जिस सम्बन्ध में थाना पर प्रार्थना पत्र दिया तो मेडिकल की मांग किया गया। मैंने मेडिकल करवा कर दिया किन्तु किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुआ। प्रार्थना पत्र देने के उपरांत हमारे मुकदमे में विवेचना कर रहे दरोगा जी ने मेरे घर के नंबर पर काल कर अभद्रता किया एवं मेरे भाई को धमकी दिया की पुलिस की पावर नहीं जानते हो ज्यादा बोलोगे तो केस लाद अंदर कर दूंगा।
दिनांक 24-04-2024 को हमने थाना पर प्रार्थना पत्र दिया कि 23 -04 -24 को रात्रि में सास घर पर नहीं थी तो ससुर लोहा पटेल ने प्रार्थनी की साड़ी पकड़ कर जबरन खींचने लगे उनकी बदनीयती देखकर प्रार्थनी ने शोर मचाया तो उस समय कुछ नहीं हुआ लेकिन दूसरे दिन सुबह 6 बजे दुराग्रह के कारण ससुर लोहा पटेल ने झाड़ के डंडे से प्रार्थनी को खूब मारा, जिस कारण हाथ की बाई कलाई पर गहरा चोट लगा, प्रार्थिनी लगातार उनके द्वारा हिंसा की शिकार हो रही है। मार-पीट के बाद ससुर ने प्रार्थिनी के कमरे की चाभी भी छीन लिया और मकान में ताला लगाकर भाग गए। प्रार्थिनी प्रार्थना पत्र लेके थाने पर गई तो वहा मेडिकल करवाने को कहा गया जिस उपरांत जिला चिकत्सालय पड़रौना से मेडिकल करवाकर प्रार्थना पत्र थाने पर दिया गया किन्तु अभी तक वैधानिक कार्यवाही नहीं हुआ। घर का ताला बंद होने के कारण विगत कई दिनों से मै अगल - बगल के लोगो से मांग कर बच्चो खिला को खिला रही हुं, जिस कारण मेरी सास उन लोगो को भी गाली गलौज देते हुए फर्जी मुकदमे में फ़साने की धमकी दे रही थी।
स्थानीय थाने से न्याय न मिलता देख मै 01 मई को जिलधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं महिला थाना कुशीनगर में प्रार्थना पत्र दिया, शाम को घर पहुंची तो मेरे भाई संजीव के मोबाइल पर सेवरही थाने में तैनात सिपाही शान कुमार राय का काल आया उन्होंने कहा कि कहा -कहा एप्लिकेशन दिए हो कल थाना पर आओ। मै अपने भाई को लेकर सुबह थाने पर गई तो पड़ोस के कई महिलाओ को थाने पर बुलाया गया था जिनसे एक पेपर पर शान कुमार राय ने थानध्यक्ष की मौजूदगी में मुझसे एवं महिलाओ से हस्ताक्षर करवाया और महिलाओ को वापस घर भेज दिया।
थोड़ी देर बाद उसने मेरे भाई का मोबाइल छीन कर मारा पीटा एवं लॉकअप के पास बंद कर दिया, सिपाही शान कुमार राय ने मुझसे कहा की आज ही घर छोड़ कर अपने मायके चली जाओ, तुमने शरीफ व्यक्तियों को परेशान कर दिया है। अगर मायके नहीं गई तो घर में वो सब कुछ भी करेंगे पुलिस नहीं जाएगी एवं तुम्हारी सास का ब्लाउज फाड़ने एवं अश्लील हरकत में तुम्हारे भाई को फसा कर जिंदगी बर्बाद कर दूंगा। मौके पर मौजूद थानध्यक्ष सभी बाते सुन रहे थे ,जब हमने विरोध किया तो बोले इसके भाई को छोड़ दो और लिखवा लो की थाने में किसी प्रकार की अभद्रता नहीं की गई।
महोदय हमारे ससुराल पक्ष के लोग पैसे से मजबूत है, हमारे ससुर गाजा का नाजायज व्यापार करते है जिस कारण पुलिस एवं बड़े लोगो से उनके सम्बन्ध है। स्थानीय थाना द्वारा पीड़िता के साथ लगातार अन्याय किया जाता रहा है, हमारे दो बच्चे एक लड़की कृषि उम्र लगभग 2.5 वर्ष व एक लड़का कृष कुमार उम्र 1 वर्ष अब कैसे रहेंगे , पुलिस थाना की हरकत से डर कर मै उसी दिन अपने मायके आ गई, मेरे मायके के सब बहुत गरीब है। हम एवं हमारे दो बच्चे किस तरह पलेंगे एवं हम मायके में कबतक रह पायंगे। हमें पुलिस से न्याय की उम्मीद नहीं है।
अतः आप से निवेदन है कि हमें न्याय दिलाए या इक्षा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने की कृपा करें।
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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है।
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