प्रदेश में शुरू हुआ स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
लखनऊ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आज कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में मनायी जाती है। बृहस्पतिवार को बलरामपुर जिला अस्पताल में कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक मुकेश शर्मा, विधानपरिषद सदस्य ने किया और स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की शुरुआत की जो कि 13 फरवरी तक चलेगा।
विधानपरिषद सदस्य ने कहा कि सरकार ने साल 2027 तक कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इसके उन्मूलन के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है । उन्होंने कहा कि लोगों को कुष्ठ के प्रति जागरूक करें । अधिक से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करें और कुष्ठ रोगियों का पता लगाकर उनका इलाज शुरू करें । इसके साथ ही कुष्ठ को लेकर लोगों में जो भ्रांतियां है उन्हें भी दूर करें।
बलरामपुर जिला अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील कुमार ने कहा कि कुष्ठ माइकोबैक्टीरियम लेप्रे नामक जीवाणु के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। इसमें त्वचा में अल्सर, तंत्रिका क्षति और मांसपेशियां कमजोर होती है। इसके साथ ही आँखें भी प्रभावित होती हैं । कुष्ठ रोग में त्वचा में ताम्बई रंग के धब्बे दिखाई देते हैं जो कि सुन्न होते हैं । रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति व् शांति से होती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एन.बी.सिंह ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कुष्ठ रोग की जांच और इलाज की सुविधा निःशुल्क है । इसका इलाज पूरी तरह से संभव है । यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए तो यह स्थायी दिव्यांगता का कारण बन सकता है। कुष्ठ रोग के लक्षण लम्बे समय के बाद दिखाई देते हैं क्योंकि कुष्ठ रोग से लक्षण उत्पन्न होने की अवधि कुछ हफ़्तों से लेकर 20 साल या उससे अधिक की होती है । इस रोग की औसत इन्क्यूबेशन अवधि पांच से सात साल की होती है । इसको लेकर भ्रांतियां हैं कि पिछले जन्म के कर्मों का फल है इत्यादि लेकिन यह पूरी तरह से गलत है।
इस मौके पर जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. ए.के.सिंघल, बलरामपुर जिलाअस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. सुनील तेवतिया, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदीव् डॉ. उस्मानी, जिला अस्पताल के अन्य चिकित्सक अधिकारी, जिला कुष्ठ सलाहकार डॉ. शोमित और कर्मचारी मौजूद रहे।
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