सड़क सुरक्षा जागरुकता में पीएम-सीएम का क्षेत्र फिसड्डी!

सड़क सुरक्षा पुरस्कार समारोह में पश्चिम के डीएम-कप्तान आगे, पूरब के दिखे पीछे

सड़क सुरक्षा जागरुकता में पीएम-सीएम का क्षेत्र फिसड्डी!

रवि गुप्ता

  • किसी ने रिकॉर्ड मानव श्रृंखला, किसी ने मार्गों पर अवैध कट बंद करा कम किये सड़क हादसे
  • औरैया, इटावा, लखीमपुर, महोबा, हमीरपुर, रामपुर ने मारी बाजी, अयोध्या, बनारस व गोरखपुर गायब
लखनऊ। दिन मंगलवार, स्थान राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित पीडब्ल्यूडी का विश्वसैरया सभागार और मौका था परिवहन विभाग के तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा पुरस्कार वितरण समारोह का, जिसमें बतौर विशेष आगंतुक सूबे के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद ने एक साथ मंच अगल-बगल मंच साझा किया। प्रदेश सरकार के ‘सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा’ का मूलमंत्र अपनाकर जब मंच पर सड़क सुरक्षा जागरुकता फैलाने और इसी क्रम में सड़क हादसों में कमी लाने वाले जनपदों के डीएम-कप्तान की जोड़ी को पुरस्कृत करने का सिलसिला शुरू हुआ तो थोड़ी हैरानी हुई।
 
वो इस बात पर हुई कि पुरस्कार पाने वाले स्थानीय जिला पुलिस-प्रशासन के अफसरों में ज्यादातर अफसरों की जोड़ी पश्चिमी यूपी से संबंधित होती नज़र आयी, जबकि पूरब यानी पूर्वांचल या लखनऊ संभाग अवध क्षेत्र के एकाध उदाहरण रायबरेली जनपद को छोड़ दें तो इसमें से पीएम मोदी का वाराणसी संसदीय क्षेत्र, सीएम योगी का गृह क्षेत्र गोरखपुर और मौजूदा परिवेश में सत्ता-सरकार के केंद्रबिंदु में शुमार अयोध्या जनपद का स्थानीय पुलिस-प्रशासन कहीं पर भी नहीं दिखा।

ऐसे में तो क्या यह माना जाये कि सड़क सुरक्षा समिति को सूबे में हेड करने वाले सीएम योगी जब अपनी गहन समीक्षा बैठकों में अक्सर यह बातें कहते रहते हैं कि सड़क सुरक्षा को लेकर कोई हीलाहवाली नहीं होनी चाहिये...डीएम-कप्तान, परिवहन, पीडब्ल्यूडी, मेडिकल, पुलिस-प्रशासन की टीमें मिलजुलकर दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे सड़क हादसों में कमी लायें, इसका तनिक भी असर पूरब के पुलिस-प्रशासन और परिवहन अधिकारियों पर नहीं है।
 
जबकि मंगलवार को उक्त कार्यक्रम में पहुंचीं डीएम नेहा प्रकाश जोकि पिछले बार भी इसी तरह के कार्यक्रम में विजेती रहीं, कहा कि उन्होंने अपने जनपद औरैया में किस प्रकार से सबके सामूहिक सहयोग से 125 किमी की मानव श्रृंखला बनाकर पूरे जिले को एकसाथ कवर किया और सड़क सुरक्षा के प्रति अधिकाधिक जागरुक किया जिसका परिणाम यह रहा कि सड़क हादसों के रेट में कमी आयी। वहीं एसएसपी इटावा राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि किस तरह से उनकी टीम ने मिलकर काम किया और जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 17.3 फीसद की कमी की। इन जिले के अधिकारियों ने यह भी बताया कि वृहद अभियान चलाकर किसी प्रकार से इन लोगों ने अपने जनपदों से सटे हाईवे पर बने अवैध कट को बंद कराया तो रोड एक्सीडेंट पर काफी हद तक अंकुश लगा।

परिवहन मंत्री व लोनिवि विभाग मंत्री का क्षेत्र भी अदृश्य...!
 
वहीं उक्त राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा पुरस्कार वितरण समारोह में इस तथ्य पर भी थोड़ी हैरत हुई कि सड़क सुरक्ष जनजागरुकत अभियान से सीधे तौर पर जुड़े दो अहम विभाग, परिवहन तथा लोक निर्माण विभाग के मंत्रियों का जिला भी किसी भी श्रेणी में पुरस्कार हासिल नहीं कर सका। ऐसे में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का विधानसभा क्षेत्र बलिया तथा लोनिवि मंत्री जितिन प्रसाद का धौरहरा (शाहजहांपुर) भी पुरस्कार श्रृंखला में कहीं पर भी अपन जगह नहीं बना सका। 
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