गर्म हवा व सूरज की तपिश से लोगों का हाल बेहाल

रविवार को 47.5 डिग्री सेल्सियस से राजधानी की सड़कों पर पसरा सन्नाटा

गर्म हवा व सूरज की तपिश से लोगों का हाल बेहाल

  • नौतपा के नौ दिन बीतने के बाद भी नहीं बदला गर्म मौसम का मिज़ाज

लखनऊ। गर्मी के तेवर और तल्ख होते जा रहे हैं। रविवार को जिले का तापमान 47.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूरा दिन तेज धूप ने जहां हाल-बेहाल कर दिया तो वहीं गर्म हवाएं भी शरीर को झुलसाती रहीं। तपिश से बचने के लिए लोग तरह-तरह के जुगाड़ करते नजर आए। इस बीच तालाबों व पोखरों में पानी न होने से प्यास बुझाने के लिए पशु-पक्षी भी इधर-उधर भटकने को मजबूर हुए।गर्मी में तापमान पिछले के सभी रिकॉर्ड तोड़ता नजर आ रहा है। तपती गर्मी ने लोगों का हाल-बेहाल कर दिया है। रविवार को चमकती धूप और गर्म हवाओं ने लोगों का बाहर निकलना दुश्वार कर दिया। चेहरे और शरीर कपड़ों से ढका होने के बावजूद सूरज की तपिश शरीर को झुलसा रही थी। रविवार को सुबह से ही तेज धूप निकल आई दोपहर होते-होते तापमान 47 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।

आसमान से बरसती आग के बीच बाजारों व प्रमुख मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहा। चारबाग, बस स्टेशन क्षेत्र, बुद्धेश्वर रोड, जलालपुर, फाटक, नक्खास समेत कई अन्य बाजारों में लगभग पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। जो लोग बाहर निकले भी तो कोई छांव तलाशता तो कोई पसीना पोंछता नजर आया। इसके साथ ही शिकंजी, बेल शर्बत, नींबू पानी, गन्ना जूस और पना जैसे पेय पदार्थों की दुकानों पर भीड़भाड़ नजर आई। हर कोई खुद को तेज धूप व गर्म हवा से बचाने में लगा दिखा। कूलर व पंखे से गर्म हवाएं निकल रही थीं। कुछ लोग तो फरार्टा पंखे के पीछे भीगा कपड़ा टांगकर ठंडी हवा पाने की कोशिश में लगे नजर आए। पक्के मकानों की दीवारों से निकल रही तपिश से बचने के लिए लोग घर के बाहर पेड़ की छाया की तलाश करते दिखे।

प्यास से परेशान हो रहे बेजुबान...!

भीषण गर्मी से मवेशी भी परेशान हैं। उनके सामने प्यास बुझाना भी बड़ी चुनौती है। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर तालाब सूखे पड़े हैं। उसमें धूल उड़ रही है। ऐसे में मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता सुधा कुमारी ने आम लोगों से अपील किया कि वे अपने-अपने घरों के बाहर व छत पर बड़े बर्तन में पानी रखें।

समय-समय पर पानी बदलते भी रहें, इससे मवेशियों को प्यास बुझाने में आसानी होगी। कहा कि हम सब तो किसी प्रकार से गर्मी से बच रहे हैं, लेकिन मवेशियों को गर्मी से बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।

दिन हो या रात बिजली कटौती जारी, उपभोक्ता त्रस्त

राजधानी में बिजली कटौती से अब उपभोक्ताओं की रात की नींद और दिन का सुकून खो चुका है। शहर से लेकर गांव तक 24 घंटे बिजली देने का रोस्टर है, लेकिन पिछले दो माह से शायद ही ऐसा कोई दिन रहा होगा, जब 24 घंटे बिजली मिली हो। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बिजली की संकट भी गहराता जा रहा है।  देर रात शनिवार को शहर के कई मोहल्लों में बिजली गुल रही है। हरिहरपुर , नटखेडा़,  मलिकमऊ, गोरा बाजार उपेकेंद्र की बिजली आती-जाती रही। ग्रामीण क्षेत्र के कठगर विद्युत उपकेंद्र जुड़े उपभोक्ताओं को बमुश्किल आठ से 10 घंटे बिजली मिल रही है। इसी तरह जगतपुर उपकेंद्र से भी रात में कई बार बिजली काटी जा रही है। भीषण गर्मी में बिजली की खपत तेजी से बढ़ रही है।

हालत यह है कि 220 मेगावाट से बिजली की खपत पार होकर 310 मेगावाट पहुंच गई है। जबकि मौजूदा समय में 250 मेगावाट बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो बमुश्किल आठ से दस घंटे ही बिजली मिल रही है। शहर और कस्बों में लो वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या बनी हुई है। गोराबाजार, इंदिरा नगर, प्रगतिपुरम, आईटीआई, आचार्य द्विवेदी नगर, राजेंद्र नगर के उपकेंद्रों पर बिजली की खपत का भार अधिक है। उपकेंद्रों पर लोड बढ़ा हुआ है, जिस कारण बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ रही है। शहर में रात के समय हर दिन दो घंटे की कटौती हो रही है तो दिन में भी बिजली की आवाजाही बनी रहती है। शाम को लो वोल्टेज की सबसे अधिक समस्या रहती है। इस बारे में मनीराम सिंह बालाघाट उपकेंद्र के जेई ने कहा कि बिजली की खपत बढ़ी है। ट्रांसमिशन से ही कटौती की जा रही है।

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