विद्यालय में मनाया गया मातृ-पितृ पूजन दिवसः दिया संदेश
बस्ती - शुक्रवार को संत श्री आशाराम जी विद्यालय श्री धर मेमोरियल शिक्षा निकेतन जयपुरवा में मातृ-पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया गया। मां सरस्वती, शंकर, पार्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विद्यालय के बच्चों ने अपने माता, पिता की आरती उतारी, उनको माला पहनाया, तिलक लगाया, उनकी सात बार परिक्रमा की। माता- पिता ने बच्चों को दुलारा, आशीष दिया और भाव विभोर होकर उन्हे गले लगा लिया। भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत कार्यक्रम की सभी ने सराहना की। इस आयोजन का उद्देश्य पाश्चात्य संस्कृति से प्रेरित बेलेंटाइन डे को नकार कर भारतीय संस्कृति से बच्चों को परिचित कराना रहा ताकि बच्चे इससे प्रेरणा लेते हुए अपने माता- पिता का आदर कर सकें।
मुख्य अतिथि प्रेस क्लब अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने कहा कि निश्चित रूप से यह आयोजन विशिष्ट है। भारत ऐसा देश है जहां बेलेंटाइन डे पर बच्चे माता- पिता का पूजन कर रहे है। यह कार्यक्रम संदेश देता है कि माता- पिता की सेवा करना,उन्हे आदर देना ही सही मायने में सच्ची आराधना है। कहा कि आज लोगों में माता- पिता को समय देने का अभाव है, वे अपनी ही दुनिया में व्यस्त है, ऐसे में जरूरत है कि लोग अपने बुजुर्ग माता- पिता को समय दें, उनकी बात सुने और उनके मनोभावों को समझे। इस आयोजन की सराहना करते हुए आयोजकों को धन्यवाद दिया। कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों को उनकी संस्कृति और सरोकारो से जोड़ने में सहायक होंगे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए विशाल श्रीवास्तव ने सनातन धर्म की परम्पराओं से लोगों को परिचित कराया। बताया कि संत आशाराम बापू द्वारा इस दिन को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप् में मनाने का जो संदेश दिया गया वह अनुकरणीय है। वर्ष 2012 से अनवरत विद्यालय में 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस का आयोजन किया जाता है। बच्चों को बताया कि माता, पिता का आदर करने से सारे तीर्थो का फल मिलता है। माता, पिता और गुरू का स्थान सबसे सर्वोच्च है। बताया कि गणेश जी ने अपने माता, पिता भगवान शंकर और मां पार्वती की परिक्रमा कर देवताओं में सर्वोच्च हो गए। अपने माता, पिता को आदर देने, उनकी पूजा करने से बड़ा कोई भी पूजा नहीं है। प्रत्येक बच्चे और युवा को इसका अनुसरण करना चाहिए।
इस दौरान प्रबन्धक बाबूराम केशरवानी, सत्यराम चौधरी, परशुराम वर्मा, गणेशदत्त पाण्डेय, संगीता मिश्रा, गीता उपाध्याय, शशिप्रभा, सजल श्रीवास्तव, अनामिका श्रीवास्तव, चंचल श्रीवास्तव सहित योग वेदान्त सेवा समिति से जुड़े सदस्य, अभिभावक, बच्चे मौजूद रहे।
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