पांच दिन ऐसा ही रहेगा मौसम: पूर्वी-मध्य भारत में अलर्ट, दक्षिण में चलेंगी हवाएं

पांच दिन ऐसा ही रहेगा मौसम: पूर्वी-मध्य भारत में अलर्ट, दक्षिण में चलेंगी हवाएं

नई दिल्ली। फिलहाल तो देश के उत्तर-पश्चिमी इलाकों समेत कई हिस्सों में बीते कुछ दिनों से मौसम में आंधी-तूफान और बारिश के कारण इन इलाकों में गर्मी से राहत महसूस की जा रही है। आगामी 4 से 5 दिनों तक यह दौर जारी रहेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार यह बदलाव मुख्य रूप से एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और उससे जुड़े चक्रवाती प्रभाव के कारण है, जो वर्तमान में मध्य पाकिस्तान और उससे सटे पंजाब व उत्तर-पश्चिम राजस्थान पर केंद्रित है। इ
 
सके अलावा मौसम के इस बदलाव के लिए एक साथ सक्रिय हुई स्थानीय और वैश्विक मौसमी प्रणालियां जिम्मेदार हैं। राजस्थान के ऊपर मौजूद दो चक्रवाती परिसंचरण और अरब सागर और पूर्वी तट पर बने प्रति-चक्रवात मिलकर पूरे उत्तर पश्चिम भारत में मौसमी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं। चक्रवाती परिसंचरण हवा का वह घेरा होता है, जो कम दबाव वाले क्षेत्र के चारों ओर घूमता है।इससे बारिश और तूफान आते हैं। प्रतिचक्रवात एक ऐसा क्षेत्र होता है जहां वायुमंडलीय दबाव ज्यादा होता है और हवाएं नीचे की ओर बहती हैं।
 
मौसम विभाग के अनुसार तेज पश्चिमी विक्षोभ की वजह से 5 से 10 बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई क्षेत्रों में 40 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है। इस दौरान बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं। हिमालयी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी इसी अवधि में तेज हवाओं के साथ गर्जना और बारिश का दौर बना रहेगा। 6 से 8 मई को उत्तराखंड, जबकि 8 मई को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में भारी वर्षा (115 मिमी से अधिक) की आशंका है। 
 
साथ ही उत्तराखंड के कुछ इलाकों में 5 व 6 मई को ओलावृष्टि भी संभव है।पश्चिमी विक्षोभ एक उष्णकटिबंधीय तूफान है जो भूमध्य सागर क्षेत्र में उत्पन्न होता है और ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होता हुआ भारत आता है। भारत में सर्दियों के दौरान इसकी वजह से अधिकांश बारिश होती है। साथ ही यह मानसून से पहले तूफान भी पैदा करता है। हालांकि इन तूफानों की संख्या गर्मियों में बढ़ गई है, जो शायद वैश्विक तापमान में हो रहे इजाफे और जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा है।पश्चिमी विक्षोभ को अरब सागर के ऊपर कई सप्ताह से सक्रिय प्रतिचक्रवाती तूफान भी शक्ति दे रहा है।
 
पूर्वी व मध्य भारत में भी अलर्ट
6 मई को मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा और बिहार के कई हिस्सों में 70 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से आंधी आने के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। ओडिशा, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि का भी अनुमान है।ओडिशा में 6 मई और निकोबार द्वीप समूह में 6 से 8 मई के दौरान भारी बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में 115 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज हो सकती है, जिससे स्थानीय स्तर पर जलभराव या फसलों को नुकसान हो सकता है। मौसम के मिजाज को देखते हुए इन इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है।
 
पूर्वोत्तर भारत में मानसून जैसे हालात
पूर्वोत्तर भारत में अगले एक सप्ताह तक मौसम सक्रिय रहने की संभावना है। 6 से 8 मई के दौरान असम और मेघालय तथा 6 से 7 मई के बीच अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश (115 मिमी से अधिक) होने के आसार हैं। इस दौरान 50 किमी प्रति घंटे तक की हवाएं और बिजली की गर्जना भी देखी जा सकती है।
 
दक्षिण के राज्यों में तेज हवा के साथ बारिश का दौर
मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण भारत के राज्यों कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और यनम में 50 किमी प्रति घंटे तक की तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला एक सप्ताह तक रह सकता है। 6 और 7 मई को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में 115 मामी से अधिक यानी भीषण बारिश  की चेतावनी जारी की गई है। उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में फिलहाल पारे के गिरने और चढ़ने का दौर जारी रहेगा देश के विभिन्न हिस्सों में मौसमी बदलाव के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अगले चार दिनों तक तापमान स्थिर रहने का अनुमान है, जिसके बाद इसमें 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। पश्चिम भारत में अगले तीन दिनों तक कोई विशेष बदलाव नहीं दिखेगा, लेकिन उसके बाद अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। हालांकि सप्ताह के अंत तक तापमान में पुनः 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट होने के संकेत हैं।

 

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‘तरुणमित्र’ श्रम ही आधार, सिर्फ खबरों से सरोकार। के तर्ज पर प्रकाशित होने वाला ऐसा समचाार पत्र है जो वर्ष 1978 में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जैसे सुविधाविहीन शहर से स्व0 समूह सम्पादक कैलाशनाथ के श्रम के बदौलत प्रकाशित होकर आज पांच प्रदेश (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड) तक अपनी पहुंच बना चुका है। 

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