अपनी मांगों को लेकर आजीविका मिशन कर्मियों ने निकाला कैंडल मार्च
लखनऊ। 30 नवंबर से प्रदेश व्यापी हड़ताल करके उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर्मियों ने आंदोलन की मुहिम फिर से छेड़ दी है अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार पर 75 के 75 जिले कार्य बहिष्कार करके अपने बकाया लाभों/ मांगों को लेकर अड़ गए हैं। उत्तर प्रदेश आजीविका मिशन कर्मचारी यूनियन और समस्त जनपदों द्वारा ज्ञापन सौंपकर पूर्व चेतावनी अनुसार अनिश्चित कालीन कार्य बहिष्कार का एलान कर दिया गया था आज आंदोलन के 19 वें दिन भी 75 जनपदों को एक साथ कार्य बहिष्कार पर रहने से ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित यह योजना अपनो की ही बेरुखी से हासिये पर नजर आ रही है।
क्युकी दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में समूचे प्रदेश में इस योजना को बल देने वाले समस्त जिला मिशन प्रबंधक, ब्लॉक मिशन प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर सहित समस्त मिशन कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं और अपना डेरा आंदोलन स्थल लखनऊ के ईको गार्डन में एकत्रित जमाए हुए है आपको बताते चलें की आंदोलन को तेज होता देख मिशन मुख्यालय के आला अधिकारियों ने मिशन मुख्यालय में दो बार वार्ता करके यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा की अगुवाई में प्रतिनिधि मंडल को कार्य बहिष्कार को खत्म करने हेतु दबाव बनाया जा चुका है लेकिन यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने साफ तौर पर कह दिया है की जब तक धरातल पर हमारे लंबित लाभ हमे प्राप्त नहीं हो जाते तब तक हम पीछे हटने वाले नहीं है हांला की मिशन मुख्यालय के आला अधिकारियों का कहना है की समस्त मिशन कर्मी कुछ वक्त और दे दें और अपने कार्य बहिस्कार को खत्म करके वापस काम पर आ जाएं लेकिन कई हर बार मिशन मुख्यालय से इस प्रकार के झूठे आश्वासन मिलने से मिशन कर्मियों में रोष व्याप्त है और इस बार कोरे आश्वाशन पर यकीन कर लिया जाए इसका उनके पास कोई कारण नहीं है। ईको गार्डन में समस्त जनपदों से मिशन कर्मियों का तांता लगा हुआ है एवम समस्त जनपदों के मिशन कर्मी अपनी मांगों को लेकर धरने पर अड़े हुए हैं वहीं प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा ने आंदोलन को और तेज गति देने की बात कहते हुए बताया की मिशन मुख्यालय के आला अधिकारी हमारी मांगों को लेकर शुरू से ही उदासीन हैं। और शासन तक हमारी बात को पहुंचने नहीं दे रहे मिशन में बैठे आला अधिकारी शासन में बैठे जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर रहे हैं जब की हमारी मानव संसाधन नियमावली में साफ़ तौर पर जो मांगे हम मांग रहे हैं।
वह पूर्व से उनकी HR पॉलिसी में सक्षम स्तर से अनुमोदित है इसके बाद भी मिशन के आला अधिकारी गुमराह कर रहे हैं उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी से अपील करते हुए सुध लेते हुए एचआर पॉलिसी में निहित मांगों/लाभों को को पूरी करने की बात कही हैं वहीं उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन कर्मचारी यूनियन ने एक नया मोड़ ले लिया है आज समूचे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार के बढ़ते क्रम में इको गार्डन में एक जनसभा आयोजित की जिस जनसभा में प्रदेश अध्यक्ष योगेश मोघा ने मेडिकल और इंश्योरेंस पॉलिसी के अभाव में मृतक हुए कर्मियों के परिवार को प्रतिपूर्ति न मिलने एवम उनकी याद में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित किया।
इसके उपरांत 75 जनपदों से आए हुए मिशन कर्मी अपने हाथों में अपनी प्रमुख मांगों के नारों की दफ्तिया एवम मोमबत्तियों को हाथों में लेकर केंडिल मार्च रैली निकाली जो जियामऊ मार्ग से होती हुई 1090 चौराहे पर समाप्त की गई जिनमें पुरुषों के साथ साथ महिला शक्ति भी साथ रही आखिर क्या मांगें हैं मिशन कर्मियों की जिनके कारण उन्हें लखनऊ की सड़कों पर इतनी बड़ी संख्या में उतरना आपको बताते चलें की दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के समस्त कर्मचारी अपनी कागजों में लागू मानव संसाधन पॉलिसी के अनुसार लाभ न दिए जाने के कारण अपने आप को ठगा से महसूस कर रहे हैं मानव संसाधन पॉलिसी के अनुसार ये मिशन कर्मियों की प्रमुख मांगें। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्यरत समस्त कर्मचारियों को उनके नियुक्ति के समय से प्रतिवर्ष 7% प्रतिवर्ष वार्षिक वेतन वृद्धि दिया जाना था जो पिछले 10 सालों से लंबित है। इसी क्रम में सभी कर्मचारी का मेडिकल इंश्योरेंस तथा एक्सीडेंटल बीमा पॉलिसी भी लंबित है। अपने घर ,परिवार, समाज से दूर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उनके परिवार के नजदीक काम करने का मौका मिले जबकि ट्रांसफर पर भी रोक लगा दी गई थी।
बीमा पॉलिसी के अभाव में अपनी जान गंवा चुके कर्मचारियों के परिवार को मिलने वाली प्रतिपूर्ति। सभी कार्मिकों को एच आर पॉलिसी के अनुसार पूर्व में प्रदत्त अलाउंसेस जो पिछले 5 वर्षों से बंद कर दिए गए हैं,जिसकी वजह से उनके प्रभावी वेतन पहले से भी कम हो गया है।भत्यो को पुनः चालू किया जाना है और बकाया का भी भुगतान किया जाना हैं। बिना किसी ठोस आधार के बाहर निकाले गए कर्मचारियों को पुनः कम पर वापस लिया जाए। उपरोक्त मांगों को लेकर मिशन कर्मियों का पिछले 10 वर्षों में लगातार शोषण किया जा रहा है इसलिए मिशन कर्मियों ने केंडिल मार्च रैली निकाल कर शासन प्रशासन को जगाने का काम किया है ताकि शासन प्रशासन इनकी सुध ले और इनकी मांगों को पूरा करे।
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