29 को कर्मचारी परिषद करेगा विरोध प्रदर्शन
केजीएमयू कर्मचारियों की लंबे समय से पदोन्नति न मिलने पर व्याप्त हुआ आक्रोश
- दो वर्षो से कार्मिकों की एसीपी अधर में लटकी
- कर्मचारी संस्थान प्रशासन के चक्कर लगाने को मजबूर
लखनऊ। केजीएमयू में कर्मचारियों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है, कर्मचारियों की पीड़ा धीरे-धीरे आंदोलन का स्वरूप ले लिया है। बता दें कि कर्मचारियों की विगत लंबे समय से वरिष्ठता सूची दस वर्षो से विचाराधीन चल रही है अभी तक संस्थान प्रशासन द्वारा एक्शन नहीं हो पाया है। शनिवार को कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह एवं महामंत्री अनिल कुमार द्वारा कुलसचिव को पत्र जारी कर संस्थान प्रशासन को अवगत कराते हुए कहा कि कुलपति एवं कुलसचिव के अथक प्रयास से 22 संवर्गों का मानकीकरण का कार्य हो चुका है, फिर भी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची व 10 वर्षों से रुकी हुई।
महामंत्री अनिल कुमार ने बताया कि कर्मचारियों की पदोन्नति व एसीपी न मिलने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को सभी कर्मचारी एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी संस्थान प्रशासन की होगी। अनिल कुमार ने बताया कि विगत एक-दो वर्षो से कार्मिकों की एसीपी के क्रम में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके दृष्टिगत कर्मचारी परिषद द्वारा समय-समय पर पदोन्नति व एसीपी शीघ्र कराने के लिए कई बार उच्चाधिकारियों से वार्ता का आग्रह किया फिर भी कर्मचारी बिना पदोन्नति पाए सेवानिवृत्त होने के साथ-साथ अन्य सभी कर्मचारीगण आर्थिक नुकसान का सामना कर रहे हैं और यही नहीं 10 वर्षों से पदोन्नति न होने के कारण कर्मचारियों को आर्थिक हानि का भी सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी परिषद द्वारा लगातार की जा रही मांग पर संस्थान ठोस कार्रवाई न करने के कारण विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो गया है। वहीं परिषद का कहना है कि कुलसचिव कार्यालय के अधिष्ठान अनुभाग में पूछे जाने पर भ्रमित करने के चलते कार्रवाई नहीं की जा रही है। ज्ञात हो कि बीते 13 जनवरी को शासन के अनिल सिंह की उपस्थिति में कर्मचारियों के उपरोक्त प्रकरणों के सम्बन्ध में बैठक की गयी थी। जिसमें संस्थान द्वारा आश्वासन देने के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी और उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
टिप्पणियां