पटहेरवा : श्रीराम का जन्म होते ही जयकारो से गूंज उठा यज्ञ पंडाल
By Tarunmitra
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पटहेरवा, कुशीनगर। माता पार्वती श्रद्धा व भगवान शिव विश्वास है, इन दोनों का मिलन ही शिव विवाह है और बिना इन दोनों के मिलन के श्रीराम कथा का श्रवण सार्थक हो नही सकता हैं। उक्त बातें रजवटिया में चल रहे श्री विष्णु महायज्ञ के दौरान श्रीराम कथा का श्रवण कराते हुए कथावाचक पद्मेश जी महाराज ने कही।
श्रीराम कथा व रामलीला कार्यक्रम में बीते रात्रि श्रीराम का जन्म होते ही पंडाल जयश्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। कथावाचक पद्मेश जी महाराज ने भगवान श्रीराम की बाललीला का बखान करते हुए बताया कि राजा दशरथ और रानी कौशल्या के प्रेम में वशीभूत होकर श्री राम पवित्र बाल लीला करते थे। कथा के क्रम में उन्होंने कहा कि एक बार माता कौशल्या ने श्रीराम को स्नान और श्रृंगार करा कर झूला पर सुला दिया और स्वयं स्नान करने के बाद अपने कुलदेव की पूजा कर नैवेद्य भोग लगाकर पाक गृह गई।

जब वह पुन: लौट कर पूजा स्थल पर आई तो उन्होंने देखा कि देवता को चढ़ाए गए नैवेद्य शिशुरूपी भगवान राम भोजन कर रहे हैं। जब उन्होंने झूला पर जाकर देखा तो वहां भी उन्होंने श्री राम को झूले पर सोते पाया। इस तरह पूजा स्थल और झूला के पास उन्होंने कई चक्कर लगाया और दोनों जगह पर उन्होंने श्रीराम को पाया। इस दृश्य को देखकर कौशल्या डर गई और कांपने लगी। माता की अवस्था देख श्री राम ने माता को अपना अद्भुत रूप दिखाया। उन्होंने दिखलाया कि उनके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्मांड लगे हुए हैं। भगवान का विराट रूप देखकर कौशल्या माता प्रफुल्लित हो गई और आंखें मूंदकर भगवान के चरणों पर गिर पड़ी। भगवान श्रीराम ने माता को बहुत समझाया और कहा कि हे माता यह बात आप किसी से ना कहेंगी। भगवान का जन्म असुरों व पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। कहा कि श्री राम कथा में माता, पिता, भाई व प्रजा के प्रति जो प्रेम, स्नेह व आदर्श भगवान श्रीराम ने स्थापित किया, वह जीवन चरित्र अनन्त सदियों तक चलता रहेगा। श्रीराम कथा का शुभारंभ व्यवसायी व समाजसेवी ओमप्रकाश रौनियार, विधायक फाजिलनगर प्रतिनिधि इंद्रजीत कुशवाहा व पूर्व ग्राम प्रधान पप्पू कुशवाहा ने फीता काटकर संयुक्त रूप से किया तो वही संचालन मिरहसन अंसारी ने किया। संगीतमयी श्री राम कथा सुनने व रात्रि में रामलीला देखने के लिए काफी संख्या में भक्तजनों की भीड़ उमड़ रही है। इस दौरान गायक मंडली द्वारा भजन आदि सुना कर भी श्रद्धालुओं का मन मोहा जा रहा है। इस दौरान रामनयन राय, रघुनाथ राय, रामचन्द्र ओझा, रमाशंकर सिंह, बृजकिशोर ओझा, अरुण सिंह, बंता यादव, रामचन्द्र प्रसाद, बलिस्टर सिंह, जगरनाथ प्रसाद, लक्ष्मी रावत, दीनानाथ चौहान आदि श्रध्दालु मौजूद रहे।
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