महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भव्य रूप से मनाया गया। योगाभ्यास का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह, मुख्य अतिथि एनसीसी 102 यूपी बटालियन के प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मिथुन मिश्रा और आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने दीप प्रज्वलन कर किया।
योग प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम आदि विभिन्न योग मुद्राओं एवं प्राणायामों का अभ्यास किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ सुरिंदर सिंह ने 'एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग' विषय पर कहा कि योग तनाव से मुक्ति देता है। योग भारतीय संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर है, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्तर पर संतुलन बनाने की कला है।
वर्तमान परिवेश में नियमित योग अभ्यास जीवन जीने की संजीवनी देगा। आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने कहा कि योग में ध्यान, प्राणायाम और धारणा जैसी क्रियाएं मानसिक तनाव को कम करती हैं। योग जीवन को गहरे अर्थों की ओर ले जाता है, जिससे व्यक्ति में करुणा, सह-अस्तित्व और प्रकृति के प्रति श्रद्धा उत्पन्न होती है। पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखना है, तो केवल वैज्ञानिक उपाय ही नहीं, बल्कि योग भी एक ऐसी पद्धति है जो हमें सतत विकास, पर्यावरणीय संरक्षण और समग्र स्वास्थ्य की दिशा में मार्गदर्शन देता है।
मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल मिथुन मिश्रा ने कहा कि हठयोग, कुण्डलिनी योग और शरीर साधना नाथ संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण अंग है। नाथ योगियों ने न केवल भारत, बल्कि नेपाल, तिब्बत, श्रीलंका, चीन, थाईलैंड आदि देशों में योग का प्रचार किया। उनकी परंपरा आज भी नेपाल के पशुपतिनाथ, गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर और हिमालय के विभिन्न आश्रमों में जीवंत रूप में विद्यमान है। योग को केवल आत्मकल्याण के लिए नहीं, बल्कि मानवता के कल्याण के लिए एक क्रांतिकारी साधन के रूप में अपनाया।
आभार ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ अखिलेश दुबे ने किया। योगाभ्यास में प्रमुख रूप से उप कुलसचिव श्रीकांत,अकादमिक अधिष्ठाता डॉ. प्रशांत मूर्ति, डॉ.रघुराम आचार्य, डॉ.मधुसूदन पुरोहित, प्रो. सुनील कुमार सिंह, डॉ. शशि कांत सिंह, अश्वनी कुमार, डॉ. मिनी.के, डॉ सुमित. गुरनाम सिंह, यूसुफ खान, लेफ्टिनेंट डॉ. संदीप कुमार श्रीवास्तव, डॉ. पवन कन्नौजिया, डॉ. विकास यादव, डॉ. प्रिया आर, डॉ. दीपू मनोहर , कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्रीनाथ आर, डॉ. वैशाख आर,अनिल कुमार , रश्मि झा, कविता साहनी, सुमन यादव, वत्स त्रिवेदी, अविनाश कमल मिश्रा आदि की सक्रिय सहभागिता रही।
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