एक ही चिता पर जलाए गए पति-पत्नी के शव

एक ही चिता पर जलाए गए पति-पत्नी के शव

जौनपुर। वाराणसी सड़क हादसे में मृत दम्पति का अंतिम दाह संस्कार शनिवार को गांव के ही गोमती नदी तट पर परिजनों ने किया। एक ही चिता पर जल रहे पति-पत्नी के शव को देखकर हर कोई रो रहा था। पुत्र व बहू को एक साथ मुखाग्नि देते पिता को देखकर वहां मौजूद हर कोई अपने आंसू नहीं रोक सका। मोजीपुर गांव निवासी रवींद्र यादव पुत्र पब्बर यादव अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उसके छोटे भाई विद्युत विभाग में एसडीओ तथा सबसे छोटा भाई घर रहकर खेती बाड़ी करता है। रवीन्द्र कानपुर शहर में रहकर एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी में प्राइवेट नौकरी करते थे। गुरुवार को वह वापस घर आये थे। उनके चचेरे भाई की पुत्री बीमार चल रही है, जो जिले के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती हैं। उसको देखने शुक्रवार की सुबह वह पत्नी रानी यादव के साथ शहर आये थे। वहां से दोनों वाराणसी दर्शन करने चले गए। बाइक से वापस लौट रहे दम्पति हरहुआ बाजार में एक ट्रक की चपेट में आ गए। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद दम्पति का शव घर लाया गया। दोनों का अंतिम संस्कार गांव के गोमती नदी तट पर किया गया। वह सात माह की गर्भवती थी।

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