कार्यदायी संस्था पर जताई नाराजगी, होगी कार्रवाई

आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमैट्रिक में उलझी,सैलरी पूरी नहीं

कार्यदायी संस्था पर जताई नाराजगी, होगी कार्रवाई

लखनऊ। केजीएमयू में आउट सोर्सिंग कर्मचारियों के द्वारा विरोध प्रदर्शन से डगमगाई स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने के लिए डिप्टी सीएम इमर्जेंसी ट्रामा सेंटर पहुंचें। गुरूवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इमर्जेंसी ट्रामा सेंटर पहुंचकर आउट सोर्सिंग कर्मचारियों से मिले और उन्होंने स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित करने वालो के खिलाफ एस्मा एक्ट लगाने की बात कही। डिप्टी सीएम ने कहा कि अस्पताल परिसर में हड़ताल बर्दाश्त नहीं की जायेगी। हड़ताल करने पर एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट लगाया जाएगा। मरीजों की जान से खिलवाड़ करने का अधिकार किसी को नहीं है।

अगर कोई शिकायत है तो सीधे मिल सकते हैं हमारे दरवाजे 24 घंटे खुले हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल से कोई हल नहीं निकलेगा। साथ ही उन्होंने मरीजों का हाल-चाल लिया, अस्पताल प्रबंधन और संविदा कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को इलाज मिलना चाहिए। कोई भी मरीज बगैर इलाज लिए यहां से न जाए। उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर फिर से हड़ताल की तो एस्मा लगाया जाएगा। अस्पताल परिसर में हड़ताल अस्वीकार्य है। अगर किसी ने स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी लेकिन अपनी मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल कोई जरिया नहीं है। डिप्टी सीएम ने कहा कि कोई समस्या है तो कर्मचारी किसी भी समय, सीधे उनसे संपर्क कर सकते हैं। डिप्टी सीएम ने केजीएमसी प्रबंधन से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि हर मरीज को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वहीं बैठक के दौरान कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद , ट्रामा सीएमएस डा.संदीप तिवारी, एफओ विनय कुमार राय व अन्य मौजूद रहे। डा. संदीप तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। उन्होंने कहा मरीजों किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

इसके लिए निरंतर प्रयासरत रहता हूं। ज्ञात हो कि बीते बुधवार को आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने वेतन कटौती को लेकर विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर की थी। जिसमें संस्थान की ओपीडी सेवाओं सहित समस्त विभागों में कार्य बाधित रहा। अपनी समस्या को बताने के लिए प्रदर्शकारियों ने ओपीडी पर प्रदर्शन किया। इसके तत्पश्चात कुलपति कार्यालय पर खड़े रहे । जब कर्मचारियों को कोई जवाब नहीं मिला तो इमर्जेंसी ट्रामा सेंटर पहुंचे । जहां कर्मचारियों ने विरोध करते हुए कार्य का बहिष्कार किया जो कई घंटे बाधित रही। वहीं सूत्रों का कहना है कि इस खेल में संस्थान प्रशासन के उच्च अधिकारी लिप्त होने से ही ऐसी समस्या हो रही है जिसे बायोमैट्रिक में उलझा कर कर्मचारियों की उपस्थिति गायब कर दें रहें हैं। जिससे पूरी सैलरी नहीं मिल पा रही है।

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