मध्यम श्रेणी के 40 करोड़,20 करोड लोग बड़ी कैटेगरी के लोग हैं- इप्सेफ
लखनऊ। देश में बढती मंहगाई से आम नागरिकों का जीना मुश्किल हो गया है। यह जानकारी शनिवार को इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने कहा कि भीषण महंगाई से मध्यम श्रेणी के लोगों का बुरा हाल है ऐसे परिवार दो 2 जून की रोटी बच्चों की शिक्षा दीक्षा एवं अन्य घरेलू सामग्री की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। मध्यम श्रेणी के लोगों में देश भर के लगभग 5 करोड़ कर्मचारी परिवार भी आते हैं।
श्री मिश्र ने कहा है की पुरानी पेंशन बंद कर देने से तथा नियमित रिक्त पदों पर भर्ती करने की जगह आउटसोर्स के कर्मचारियों से काम चल रही है। इन कर्मचारियों का और बुरा हाल है क्योंकि उन्हें मात्र 8 से 10 हजार प्रति माह मिलता है। पता नहीं पर कैसे वे जीवन यापन कर रहे हैं। इप्सेफ के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद एवं सचिव अतुल मिश्रा ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि पुरानी पेंशन की बहाली ,आउटसोर्स से भर्ती बंद कर के नियमित भर्ती तत्काल करने की कार्रवाई करें तथा कार्यरत आउट सोर्स कर्मचारी को नियमित करने एवं सरकार न्यूनतम वेतन देने के लिए तत्काल नीत नियमावली बनाएं वरना बड़ा आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे। 4 जून के बाद आने वाली नई सरकार से आशा व्यक्त की है कि इप्सेफ के इन मुद्दों पर प्राथमिकता से फैसला करें, जिस देश भर के मेहनतकश लोग मजबूरी में बड़ा आंदोलन करने को बाध्य ना हो जाएं। इप्सेफ की 6 से 7 जुलाई को होने वाली राष्ट्रीय बैठक में इस बिंदु पर भी विचार करके निर्णय होगा।
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