शादी में बज रहे गाने को लेकर मारपीट के मामले में अभियुक्तों को सश्रम कारावास
झाबुआ। जिले के रानापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक गांव में शादी समारोह के दौरान टेप रिकॉर्डर पर बजाए जा रहे गानों के अचानक बंद होने पर लट्ठ चल गए, परिणामस्वरूप तीन लोगों को चोंट आई। मामले में हुए विवाद की रिपोर्ट थाना रानापुर में दर्ज कराई गई थी। पुलिस द्वारा जब मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया तो मारपीट करने वाले तीन अभियुक्तों को न्यायालय द्वारा दो-दो वर्षों के सश्रम कारावास सहित अर्थ दंड से दंडित कर दिया गया। सहायक अभियोजन अधिकारी शीला बघेल ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मामले में फरियादी की मौसी का लड़का काला पुत्र खीमचंद डामोर तथा भाभी हरू पत्नी पारसिह डामोर निवासी ग्राम नवागांव शादी के अवसर पर आए थे। इस मौके पर उसके गांव के रसाल पुत्र हवा जाति गणावा, तेरिया पुत्र कमजी जाति गणावा, बरमा पुत्र तेरिया जाति गणवा, उदा पुत्र कमजी जाति गणावा भी वहां शादी समारोह देखने के लिये आये थे। शादी के मौके पर रात में टेप रिकॉर्डर पर गाने बज रहे थे, तभी किसी तकनीकी खराबी से टेप चलना अचानक बंद हो गई, तो फरियादी उसे सुधारने लगा। तभी आरोपितगण रसाल पुत्र हवा गणावा, तेरिया पुत्र कमजी गणावा दोनो वहां आये ओर अश्लील गालिया देते हुए बोले कि तुने टैप क्यो बंद कर दी। तब वह गाली देने से मना करने लगा तभी पीछे से अन्य आरोपित बरमा पुत्र तेरिया जाति गणावा, उदा पुत्र कमजी जाति गणावा ये लोग भी टेप बंद होने की बात को लेकर गाली गलोच करने लगे। तभी एक आरोपित ने अपने हाथ में लिये लटठ से मारपीट की। विवाद के दौरान शोर शराबा होने पर उसकी बहन राजूबाई, काला डामोर, तथा भाभी हक्कूबाई पति पारसिंह दोडकर आए तो अन्य आरोपितों ने भी उनके साथ लाठी ओर लात घूसों से मारपीट शुरू कर दी। जिससे बहन को पेट पर अंदरूनी चोट आयी, तथा उसके भाई काला तथा उसकी भाभी हक्कुबाई के साथ भी आरोपितोंं ने लाठी ओर लात घूसों से मारपीट की, परिणामस्वरूप वे सभी चोटिल हो गए। यही नहीं बल्कि आरोपीगण जाते-जाते बोले कि आज तो बच गये हो किसी दिन जान से खत्म कर देंगे, ऐसा कहकर जान से मारने की धमकी दी।
इस तरह टेप रिकॉर्डर पर बज रहे गाने बंद होने से उत्पन्न हुआ विवाद गाली गलौज से मारपीट तक जा पहुंचा, ओर फिर बात जब थाना तक पहुंच गई, तो मामले में फरियादी द्वारा की गई रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली राणापुर में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, ओर अपराध की विवेचना के उपरांत आरोपितों के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान न्यायालय साक्षी मसीह, न्यायिक मजिट्रेट प्रथम श्रेणी झाबुआ द्वारा अभियुक्तगणों को दोषी पाते हुए भारतीय दण्ड विधान की धारा 325/34 में 2-2 वर्ष का सश्रम कारावास व 2000-2000 हजार रुपये का अर्थदण्ड एवं भारतीय दण्ड विधान की धारा 323/34 में 3-3 माह का सश्रम कारावास व 250-250 रुपये के अर्थदंड से दंडित किये गए। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सूरज वैरागी ने किया।
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