सुनहरी बाग मस्जिद हटाने का मामला हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी के समक्ष लंबित
नई दिल्ली। सुनहरी बाग स्थित मस्जिद को ध्वस्त करने के मामले पर विचार करने के लिए हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (एचसीसी) को भेज दिया गया है। इस बात की सूचना आज दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को दी गई।
सुनवाई के दौरान ट्रैफिक पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय जैन ने कहा कि ये याचिका अब निष्प्रभावी हो गई है क्योंकि अब इस मामले पर एचसीसी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता एचसीसी के फैसले का पूर्वानुमान नहीं कर सकते हैं। तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील विराज आर दातार से कहा कि अब ध्वस्तीकरण पर कोई भी फैसला एचसीसी ही लेगी। ऐसे में इस याचिका का क्या मतलब है। तब दातार ने कहा कि वे नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की कार्रवाई को चुनौती दे रहे हैं। अगर ये याचिका नहीं होगी और अगर एचसीसी का कोई प्रतिकूल फैसला आता है तो उन्हें 48 घंटे में दौड़कर कोर्ट आना होगा। उसके बाद कोर्ट ने मार्च में सुनवाई करने का आदेश दिया।
दरअसल मस्जिद के इमाम अब्दुल अजीज की ओर से नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की ओर से एक अखबार में जारी उस इश्तेहार को चुनौती दी गई है जिसमें मस्जिद को हटाने को लेकर लोगों की राय मांगी गई है। याचिका में कहा गया है कि मस्जिद डेढ़ सौ साल पुरानी है और ये दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। याचिका में मांग की गई है कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद, हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और केंद्रीय गृह और शहरी मामलों के मंत्रालय को इस मस्जिद को कोई भी नुकसान करने से रोका जाए।
याचिका में कहा गया है कि इस मस्जिद के मामले में कोई हिन्दू-मुस्लिम एजेंडा नहीं है जैसा कि कुछ राजनीतिक दल कह रहे हैं। इसका आगामी चुनावों से भी कोई लेना-देना नहीं है। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने ट्रैफिक की समस्या बताकर इश्तेहार दिया है। याचिका में कहा गया है कि सुनहरी बाग स्थित इस मस्जिद से ट्रैफिक संचालन में कोई समस्या पैदा नहीं हुई। ये मस्जिद करीब सौ सालों से अपनी जगह पर खड़ी है और कभी भी ट्रैफिक के लिए बाधा नहीं बनी।
याचिका में कहा गया है कि ट्रैफिक में कोई भी बाधा मस्जिद के बाद बनी इमारतों की वजह से है। अब जब ट्रैफिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी ने काफी प्रगति कर ली है तो सांस्कृतिक विरासत के इस मस्जिद को कोई नुकसान हुए बिना तकनीक से ट्रैफिक की समस्या को दूर किया जा सकता है।
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