सोसाइटी माड्यूल में गड़बड़ी के कारण 14 गांवों के किसान नहीं बेच पा रहे धान
धमतरी।गिरदावरी में त्रुटि और सोसाइटी माड्यूल में गड़बड़ी की शिकायत लेकर वनांचल के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। संयुक्त कलेक्टर से मिलकर 14 गांवों के किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने हो रही परेशानियों से अवगत कराया है। साफ्टवेयर में रकबा शून्य दिखाई देने से अब तक इन गांवों के किसानों का धान बेचने टोकन नहीं कट पाया है, ऐसे में पीड़ित किसानों ने शासन-प्रशासन से गड़बड़ी में संशोधन करने की गुहार लगाई है, ताकि समय पर पीड़ित किसान अपना धान समर्थन मूल्य पर बेच सके।
किसान संघर्ष संघ दक्षिण मगरलोड वनांचल सिंगपुर क्षेत्र के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्टर के नाम संयुक्त कलेक्टर रामकृपाल को ज्ञापन सौंपकर समिति अध्यक्ष रामायण सिन्हा, उपाध्यक्ष गजेन्द्र दीवान, सरपंच कनेसिंग वट्टी, किसान गौतम धु्रव, दशरथ धु्रव, सुरेश साहू, मयाराम सिन्हा, नंदू पहरिया, इंदरू धु्रव आदि किसान ने आरोप लगाते हुए बताया है कि गिरदावरी में त्रुटि और सोसाइटी माड्यूल में गड़बड़ी के चलते क्षेत्र के 14 गांवों से अधिक किसान अपना धान नहीं बेच पाए है। गिरदावरी पटवारियों ने किया है। तहसीलदार के रिकार्ड में गिरदावरी में रकबा का उल्लेख है, लेकिन समर्थन मूल्य पर धान खरीद के लिए शासन के सोसाइटी माड्यूल में शून्य रकबा है। ऐसे में धान बेचने के लिए इन किसानों का टोकन नहीं कट रहा है, इससे किसान परेशान है।
धान बेचने किसान लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर अब तक निराकरा नहीं हुआ है। त्रुटि सुधार के लिए किसान सोसाइटियों व पटवारियों का चक्कर लगा चुके हैं। किसान कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। संयुक्त कलेक्टर रामकृपाल ने पीड़ित किसानों को एक सप्ताह के भीतर उनकी समस्याओं के निराकरण करने का आश्वासन दिया है।
इन गांवों के किसान नहीं बेच पा रहे धान
किसानों ने बताया है कि मगरलोड ब्लाक के ग्राम कुसुमखुंटा, बिरझूली, गोबरापठार, बेन्द्राचुवा , मोहेरा, सरईभदर, मारागांव, सोनझरी, भंडारवाही, कमईपुर, सिंगपुर, मुड़केरा, अंजोरा समेत अन्य गांवों के किसानों की समस्या बनी हुई है, जो गिरदावरी में त्रुटि व सोसाइटी माड्यूल में गड़बड़ी के चलते समर्थन मूल्य पर धान नहीं बेच पा रहे हैं। समिति के अध्यक्ष रामायण सिन्हा ने बताया कि शासन-प्रशासन शीघ्र ही इन किसानों की समस्याओं का निराकरण करें, नहीं तो किसान धान बेचने से वंचित हो सकते हैं। समय रहते यदि किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है, तो आगे किसान उग्र कदम उठा सकते हैं।
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