अहंकार और अविश्वास के कारण हो रहा है कांग्रेस का विनाशः राजीव रंजन
बिहार कांग्रेस के विधायकों को हैदराबाद ले जाने पर चुटकी लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजीव रंजन ने इसे कांग्रेस के डर का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में खेला करने का दावा करते करते कांग्रेस ने अपने ही विधायकों को हैदराबाद में कैद कर दिया है। यह दिखाता है कि इन्हें अपने खुद के नेताओं की विश्वसनीयता पर संदेह है। दरअसल देश को अपनी जागीर समझने के अहंकार ने पहले कांग्रेस के मालिकों को जनता से दूर कर दिया और अब इनकी हालत ऐसी हो गयी है कि उन्हें अपने नेताओं और सहयोगियों तक पर विश्वास नहीं रहा। यही वजह है कि बिहार में सत्ता से कोसों दूर होने के बाद भी इन्हें अपनी पार्टी में टूट होने की चिंता सता रही है।
उन्होंने कहा कि वास्तव में कांग्रेस के कर्णधारों की निगाह में पार्टी के कार्यकर्ताओं और अन्य नेताओं की हैसियत कभी भी गुलामों से अधिक नहीं है। उन्हें पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वाले नेताओं से अधिक अपनी परिक्रमा करने वाले नेताओं पर भरोसा रहता है। इससे इनके स्वाभिमानी नेताओं को पार्टी में घुटन महसूस होना स्वाभाविक है। हर राज्य में इनके नेता अंदर ही अंदर सुलग रहे हैं और इसी के वजह से समय-समय पर इनके नेताओं के थोक के भाव में अन्य पार्टीयों में जाने की खबरें आती रहती हैं। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस आलाकमान में सुधार के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अपने विधायकों को कैद करके इन्होंने साबित कर दिया है कि बिहार-झारखंड कांग्रेस भी टूटने के कगार पर है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के इसी अहंकार के कारण इंडी गठबंधन का जनाजा भी लोकसभा चुनाव से पहले ही निकलने लगा है। इनके बड़े नेताओं ने कदम-कदम पर अपने ही सहयोगियों के स्वाभिमान पर आघात करना शुरू कर दिया। इनके इसी रवैए से इस गठबंधन की धुरी रहे श्री नीतीश कुमार भी गठबंधन छोड़ कर चले गये और अब उनके हटते ही हर राज्य में इनके सहयोगी इन्हें आंखे दिखाने लगे हैं। सपा, टीएमसी और आप जैसी पार्टियां तो कांग्रेस के विरोध में खुल कर मैदान में आ गयी हैं। कांग्रेस को यह समझ लेना चाहिए कि उनका कोई प्रपंच उन्हें बचाने वाला नहीं है। आने वाला चुनाव उनके ताबूत में आखरी कील साबित होने वाली है।
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