बचपन की बीमारियाँ- बचाव एवं उपचारֹ विषय पर सेमिनार सम्पन्न

विशेषज्ञ की सलाह के बिना बच्चों को न दें एंटीबॉयोटिक- डॉ चौरसिया

बचपन की बीमारियाँ- बचाव एवं उपचारֹ विषय पर सेमिनार सम्पन्न

झाँसी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मण्डलीय इकाई द्वारा बचपन में होने वाली बीमारियों पर केन्द्रित वर्चुअल सेमिनार का आयोजन मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभागाध्यक्ष डा. ओमशंकर चौरसिया की अध्यक्षता में हुआ। उन्होंने इस मौके पर बचपन में होने वाली आम बीमारियों के बचाव एवं उपचार पर विस्तार से जानकारी दी और कहा कि किसी भी प्रकार के असामान्य लक्षणों को नजर-अंदाज करने से बीमारियाँ गंभीर रूप धारण कर लेती हैं। बच्चों में बीमारी के लक्षण दिखते ही नजदीकी हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर या किसी अन्य चिकित्सा सेवा केन्द्र पहुँचकर उपचार कराया जाना चाहिये।
 
उन्होंने कहा कि एन्टीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल बिना चिकित्सा विशेषज्ञों की राय के नहीं किया जाना चाहिये। इसके अनुचित उपयोग से भविष्य में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एन.एच.एम. के मण्डलीय परियोजना प्रबंधक आनन्द चौबे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का एक बेहतर तंत्र आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में विकसित हो चुका है। सेमिनार में मण्डल के तीनों जिलों के लगभग 300 सी.एच.ओ. ने भाग लिया। संचालन गणेश तेनगुरिया ने किया इसमें धर्मेन्द्र कुमार, डी.सी.पी.एम. मौजूद रहे।  सेमिनार में सी.एच.ओ. बृजेश रायक्वार, रोहित, पियूष शर्मा, श्यामवीर सिंह, रमा पटैरिया, अभिलाषा, लोमेश यादव आदि ने प्रश्नों के माध्यम से सत्र में भाग लिया।
 
 
 
 
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