संजय निषाद का सुल्तानपुर आकर रैली करना मेनका गांधी के लिए है शुभ संकेत
निषाद जाति मेनका गांधी के साथ मजबूती से है खड़ी
मेनका गांधी ने अपने चुनावी कैंपेन और सभी जाति के प्रेम और सद्भाव के कारण अपनी जीत के अंतर को काफी बढ़ा चुकी है। तो वही दूसरी तरफ सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए एक नए नवेले सपा प्रत्याशी रामभुवाल निषाद और लोकसभा के चुनावी अनुभव में शून्य उदय राज वर्मा ने मेनका गांधी को जीत का वाक ओवर दे दिया है।
चिलचिलाती धूप में खड़े मछुआ समाज के लोगों ने संजय निषाद के आह्वान पर हाथ उठाकर मेनका गांधी को जीताने का लिया संकल्प
सुलतानपुर। चुनावी गर्मी अपने चरम पर है जिसमें मेनका गांधी की सभी जातियों में स्वीकार्यता और तूफानी चुनाव प्रचार ने भाजपा को सबसे आगे लाकर खड़ा कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी मेनका संजय गांधी के समर्थन में बढौनाडीह में आयोजित जनसभा में हजारों की संख्या में मछुआ समाज की महिला और पुरुषों ने कड़कती धूप में उपस्थित होकर भाजपा एवं निषाद पार्टी के प्रति अपने समर्पण को दिखाया।
चुनावी रैली को संबोधित करते हुए निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने कहा की निषाद समुदाय के उत्थान के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बहुत काम किया है। बेटियों की सुरक्षा और निषादों की समृद्धि के लिए कई योजनाएं चलाई, जिसका सीधा लाभ महिलाओं पुरुषों को मिल रहा है। अब निषाद समाज को अपने पराए की पहचान हो चुकी है। पहले की तरह इस बार भी विपक्ष को वोट की जगह चोट मिलेगी।
संजय निषाद को सुनने आई मछुआ समाज की भीड़ को देख कर अन्य प्रत्याशियों में खलबली मच गई। सपा ने जिस निषादों के जातीय कार्ड को खेलकर सुल्तानपुर की सीट पहली बार कब्जाना चाहती थी वह जीत आज संजय निषाद की चुनावी रैली के बाद दूर दिखाई देने लगी है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने मेनका गांधी के नामांकन में कहा था की *सत्तर प्रतिशत हमारा शेष में बंटवारा* इस बात को सुनने आई भीड़ ने हाथ उठाकर उनके कथन को सही सिद्ध कर दिया।
भाजपा और निषाद पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता निषाद बस्ती में जाकर जनता को तर्क के द्वारा समझा रहे हैं कि मछुआ समाज के हित सिर्फ भाजपा ही सुरक्षित है। इसी से अपने समाज का भला हो सकता है। भाजपा के अलावा अन्य सभी पार्टियों ने मछुआ समाज का शोषण ही किया है। चुनाव आया तो जातिवाद की दुहाई देने आ गए लेकिन चुनाव के बाद कोई दिखाई नहीं पड़ता।
संजय निषाद की रैली में आए 60वर्षीय बुजुर्ग ने बताया की हमारी पार्टी निषाद पार्टी है और संजय निषाद हमारे नेता है मैं उनको सुनने आया हूं। उन्हीं के आह्वान पर आज सारे निषाद समाज के लोग मां मेनका गांधी को जिताने का संकल्प ले चुके हैं। सपा किसी की नहीं हो सकती जब भीम निषाद को लोकसभा का टिकट देने के कुछ दिन बाद टिकट काट सकती है तो इस पार्टी पर और क्या विश्वास किया जाय।
वैसे देखने पर एक बात स्पष्ट हो रही है कि मेनका गांधी ने अपने चुनावी कैंपेन और सभी जाति के प्रेम और सद्भाव के कारण अपनी जीत के अंतर को काफी बढ़ा चुकी है। तो वही दूसरी तरफ सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए एक नए नवेले सपा प्रत्याशी रामभुवाल निषाद और लोकसभा के चुनावी अनुभव में शून्य उदय राज वर्मा ने मेनका गांधी को जीत का वाक ओवर दे दिया है। *क्या अब सपा बसपा के प्रत्याशी आपस में द्वितीय और तृतीय स्थान के लिए लड़ रहे हैं?*
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