प्राण प्रतिष्ठा: मेरे साथ बच्चों को भी पकड़ ले गई थी पुलिस
आज सपना हुआ साकार
फिरोजाबाद। राम मंदिर आंदोलन में बच्चों के साथ गिरफ़्तारी देने वाले राकेश मूढ़ोतिया अपनी खुशी के आंसू रोक नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज मेरे जैसे सभी रामभक्तों का सपना साकार हो गया।फिरोजाबाद शहर के रहने वाले पूर्व सभासद राकेश मूढ़ोतिया ने राम मंदिर आंदोलन की स्मृतियों को हिन्दुस्थान समाचार से साझा करते हुए कहा कि कारसेवक के रूप में उन्हें भी काम करने का सौभाग्य मिला। उस आन्दोलन के समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय था।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में राममंदिर आंदोलन के लिए वह गिरफ्तारी देने में पीछे नहीं हटे। आंदोलन के दौरान सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि भतीजी शालिनी शर्मा के साथ ही अनुज, अनुराग, नितिन व डॉ. संतोष के बेटे डॉ. वरुण, डॉ. अनुभा, डॉ. रिचा को भी पुलिस पकड़ ले गई थी। बच्चों की उम्र दस से 15 वर्ष के बीच थी। पहले मेरे सहित सभी को गिरफ्तार कर थाना खैरगढ़ के लॉकअप में बंद कर दिया। इसके बाद मैनपुरी जेल भेजा था।
लेकिन कारसेवकों से जेल हाउसफुल होने के कारण 15 दिन तक स्टेडियम में रखा था। हमें 15 दिन बाद छोड़ा था। जबकि बच्चों को एक सप्ताह बाद ही छोड़ दिया था। उनके साथ परिवार के बच्चों के जाने के कारण परिजन हैरान हो गए थे।पूर्व सभासद का कहना है कि आज उन्हें खुशी है कि जिस कार्य के लिए उन्होंने परिवार के बच्चांे के साथ गिरफ़्तारी दी थी, वह कार्य आज पूरा हो रहा है। अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है। मुझे और मेरे जैसे करोड़ों राम भक्तों को इसी दिन का इंतजार था।
टिप्पणियां