आतंकवाद, नक्सलवाद व उग्रवाद नासूर: अमित शाह
राज्यसभ में बोले अमित शाह- ये हमे विरात में मिले
- हमने मुकाबला किया,दस साल में बहुत कुछ बदला
- काला चश्मा पहन कर विकास नहीं दिखेगा
नई दिल्ली । बजट सत्र के आठवें दिन शुक्रवार को अमित शाह ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दिया। शाह ने कहा- चर्चा के दौरान कुछ उपयोगी सुझाव आए हैं। हमारी कमियों की ओर ध्यान दिलाया गया। कुछ राजनीतिक टिप्पणियां भी की गईं। कुछ राजनीतिक आक्षेप भी लगाए गए। सभी का संसदीय भाषा में जवाब देने का प्रयास करूंगा।शाह ने कहा- पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में बहुत कुछ बदला। आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद नासूर बने थे। हमें पिछली सरकार ने इसे विरासत में दिया था। 2014 में हमारी सरकार बनी तो हमने तीनों मोर्चों पर मुकाबला किया। जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं से हुई मौतों में 70 प्रतिशत कमी आई है।
गृह मंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर में विपक्ष के 33 साल के शासनकाल में वहां सिनेमाहॉल ही नहीं खुलते थे। हमने 2019 में आर्टिकल 370 हटाया। जी-20 की बैठक में दुनियाभर के राजनयिक वहां गए। हमने वहां सफलतापूर्वक चुनाव करवाए। एक गोली तक नहीं चली। शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा- ये हिसाब मांगते हैं कि क्या हुआ 370 हटाने का परिणाम। साहब, हिसाब तो उनको दिया जाता है, नजारा तो उनको दिखाया जाता है, जिनकी नजरें साफ हों। जो काला चश्मा पहन कर, आंखें मूंद कर बैठे हैं, उनको विकास नहीं दिखा सकते हैं।इनके नेता ने पैदल यात्रा निकाली। कश्मीर तक गए।
अपने कार्यकर्ताओं के साथ बर्फ की होली खेली और कहा कि दूर से आतंकवादी दिखाई पड़ा था। अरे भाई, जिनकी नजर में आतंकवादी है, तो आपको सपने में भी आएगा और आपको कश्मीर में भी दिखाई पड़ेगा। हम तो आतंकवादी देखते ही सीधा दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं। हमारी सरकार न आतंकवाद को सह सकती है और न ही आतंकवादियों को।
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