11 वर्षीय बच्ची की हलक में फंसे सिक्के को निकाल फिर मसीहा बने डॉ. बीपी त्यागी, बच गई बच्ची की जान

लड़की ने 10 रू. का सिक्का निगल लिया था इसी वजह से परिवार के हाथ पांव फूल गए, एक बार सरकारी अस्पतालों की फिर खुली पोल, इलाज करने की बजाय कर दिया रेफर

11 वर्षीय बच्ची की हलक में फंसे सिक्के को निकाल फिर मसीहा बने डॉ. बीपी त्यागी, बच गई बच्ची की जान

IMG-20240125-WA0006

 

 

गाजियाबाद, ( तरूणमित्र ) एक अहम बात जो समझने के लिए है काफी, डॉ. बीपी त्यागी ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों को ईएनटी मामलों में सहयोग देने की पेशकश की वरिष्ठ चिकित्सक और राष्ट्रवादी जनसत्ता दल के प्रदेश महासचिव डॉ. बीपी त्यागी अक्सर चर्चाओं में रहते हैं, कहते हैं कि बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी, दरअसल डाॅ. बीपी त्यागी अक्सर लोगों को उनकी बीमारियों और परेशानियों से निजात दिलाने के कामों में नजर आते हैं। और यही बात एक बार फिर उनके इस कार्य ने साबित कर दी है कि क्यों उन्हें लोग गाजियाबाद का मसीहा कहते हैं, बुधवार को उन्होंने एक बच्ची की जान

बचाकर उसे और उसके परिवार को राहत पहुंचाई है। अब जाहिर तौर पर उस परिवार के लोगों के लिए डाॅ. बीपी त्यागी मसीहा से कम नहीं हो सकते, जिस बच्ची की जान बचाई उसका नाम इशिका है। जानकारी के मुताबिक मोरटी के साईं ग्रीन सिटी निवासी ओमप्रकाश डॉ. बीपी त्यागी के आरडीसी स्थित हर्ष ईएनटी अस्पताल इमरजेंसी में पहुंचे। उनकी बेटी इशिका ने 10 रू. का सिक्का गलती से निगल लिया था, जो उसके गले में जा अटका हुआ था। डॉ. बीपी त्यागी ने तुरंत ही इशिका का इलाज शुरू किया। जिसके बाद सफलतापूर्वक इशिका के गले से 10 रू. का सिक्का निकलकर उसकी जान बचाई। उधर सबसे शर्मनाक घटना यह रही कि सरकारी अस्पताल ने उस समय मरीज को निराश किया जब उसकी जान जोखिम में थी, इस घटना में सरकारी अस्पताल की कार्यशैली की पोल पट्टी एक बार फिर से खुल गई है। पीड़ित सबसे पहले अपनी बेटी को लेकर संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल पहुंचा था लेकिन यहां उसे किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिल सकी। उधर एक बैठक में व्यस्त थे डॉ. बीपी त्यागी, लेकिन जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो उन्होंने बैठक छोड़कर पहले मरीज की जान बचाई, परिजनों के मुताबिक उसे महेंद्र एनक्लेव स्थित नवयुग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन क्योंकि पीड़ित आरडीसी में ही काम करता था। इसलिए यह सीधा डॉ. बीपी त्यागी के पास पहुंचा। और सबसे अधिक मायने रखने वाली बात ये है कि सीएमओ बैठक में रहे व्यस्त उन्होंने नहीं ली सुध, इस संबंध में जब तरूणमित्र संवाददाता ने सीएमओ से फोन पर बात कर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया,

इस घटना के बाद डाॅ. बीपी त्यागी ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों को ईएनटी मामलों में पूरी सहायता देने का प्रस्ताव दिया है। उनका कहना है कि जिस तरह से सरकारी अस्पताल ईएनटी के मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों या दिल्ली के अस्पतालों में जाने के लिए रेफर कर रहे हैं, उससे उन्हें काफी दुख होता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को ऑफर दिया है कि अगर वह चाहें तो ईएनटी मामलों में वह सरकारी अस्पतालों के कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं ताकि शहर के मरीजों को ईएनटी के इलाज के लिए प्राइवेट या बाहर कहीं भटकना ना पड़ेIMG-20240125-WA0007IMG-20240125-WA0009IMG-20240125-WA0008

Tags:

About The Author

Related Posts

अपनी टिप्पणियां पोस्ट करें

टिप्पणियां