शहर में जल्द दौड़ेगी 10 सिटी बसें, लाेगों को मिलेगी राहत
सिटी बस के लिए जारी किया गया टेंडर
10 बसों को विभिन्न रूट पर होगा संचालन
धमतरी। धमतरी जिलेवासियों के लिए फिर से बस का सफर आसान और सस्ता हो सकता है। प्रशासन की पहल पर धमतरी को फिर से 10 सिटी बस मिलने वाली है। हालांकि बसें नई नहीं होंगी। यह बताया जा रहा है जिन रूट पर अभी बस की सख्त आवश्यकता है वहां पर इसके संचालन से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके लिये तीसरी बार टेंडर जारी कर दिया गया है। दरअसल धमतरी शहर में महानगर जैसी सेवा देने के उद्देश्य से 2015 में तत्कालीन कलेक्टर भीम सिंह और महापौर अर्चना चौबे के कार्यकाल के दौरान सिटी बस शुरू की गई। 10 नई बसें सरकार ने दी थीं, ऑटो, टैक्सी और निजी बसों के मुकाबले बेहद सस्ती होने के कारण सिटी बस तेजी से लोगों की पहली पसंद भी बन गई थीं। लेकिन आज धमतरी की सड़कों से सभी बसें गायब हैं। मालूम हो कि कोरोनाकाल के पहले सिटी बसों का संचालन बंद हो गया था। वहीं 10 में से 4 बसें अर्जुनी स्थित निगम के डिपो में खड़ी थी। जो देखते ही देखेते कबाड़ के ढेर में बदल गई है। बस अभी भी टूटी फूटी हुई अवस्था में रखी हुई है।
इसमें से 3 बसों को रायपुर भेज दिया गया है । बस अभी भी टूटी फूटी हुई अवस्था में रखी हुई है। इसके बाद फिर से एक बार पुरजोर तरीके से सिटी बस की मांग उठने लगी थी, जो शायद अब पूरी हो सकती है। बसों के मामले को लेकर फरवरी में कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने धमतरी जिला अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी की बैठक भी ली थी। जिसमें आयुक्त नगर निगम को बसों की मरम्मत की राशि के लिए कहा गया था। आचार संहिता लगने की वजह से टेंडर को रोक दिया गया था, अब फिर से जारी कर दिया गया है।धमतरी से गंगरेल, धमतरी से आमदी, पलारी, धमतरी से तरसिवा होते हुए कोर्रा, धमतरी से भखारा, धमतरी से कोलियारी खरेंगा होते हुए दोनर कुरूद, धमतरी से कुकरेल होते हुए मुरूम सिल्ली, धमतरी से कुरूद होते हुए मेघा मगरलोड।
दूसरी बार जारी किया गया टेंडर
इस संबंध में उपायुक्त नगर निगम पीसी सार्वा ने बताया कि धमतरी जिला अरबन पब्लिक सर्विस सोसायटी द्वारा सिटी बस परियोजना के अंतर्गत 10 सिटी बसों के संचालन संधारण एवं सेवाओं के प्रबंधन कार्य हेतु टेंडर जारी किया गया है। पहली बार टेंडर में कोई सामने नहीं आया। अभी दूसरी बार जारी किया गया है। इस बार भी यदि सिंगल नाम आया और रेट ठीक रहा तो ही ठेका दिया जाएगा। अन्यथा तीसरी बार टेंडर जारी किया जा सकता है।
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