सुदिती ग्लोबल एकेडमी में शिक्षक, शिक्षिकाओं की कार्यशाला

लाइफ स्किल्स शिक्षा विद्यार्थियों को मानसिक, सामाजिक रूप से बनाती हैं मजबूत- डॉ. यशिका

सुदिती ग्लोबल एकेडमी में शिक्षक, शिक्षिकाओं की कार्यशाला

मैनपुरी- पारंपरिक और आधुनिक शिक्षण विधियों का समन्वय करके बेहतर शिक्षण परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। सुदिति ग्लोबल एकेडमी में आयोजित शिक्षकों की कार्यशाला में व्यक्त किये गये। डॉक्टर यशिका लाइफ स्किल्स शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और यह विद्यार्थियों को मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाते हैं भारद्वाज ने ब्लेंडेड लर्निंग के विभिन्न पहलुओं प्रशिक्षकों के कौशल प्रशिक्षण विषयों पर बातचीत कर रहे थे।
 
डॉ. यशिका भारद्वाज और डॉक्टर निशि फौगाट ने शिक्षकों और शिक्षिकाओं को महत्वपूर्ण शिक्षण विधियों द्वारा छात्रों को सीखना चाहिए, उन्होंने बताया कि किस प्रकार इन विधियों के माध्यम से छात्र अपनी क्षमता और योग्यता को पहचान सकते हैं और उनका सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं। डा.फौगाट ने बताया कि लाइफ स्किल्स शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और यह विद्यार्थियों को मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाते हैं।
 
कार्यक्रम में समस्त अध्यापक- अध्यापिकाओं ने अपनी जिज्ञासाओं को शान्त करने के लिए प्रश्न भी पूछे, जिसे डा. भारद्वाज एवं डा. फोगाट ने बखूबी से हल किया, प्रशिक्षित कार्यशाला में ब्लेंडेड लर्निंग, कंप्रिहेंसिव बेस्ड लर्निंग, कंपटेंसी बेस्ड लर्निंग, लाइफ स्किल्स और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) पर विशेष ध्यान दिया गया। कार्यशाला में प्रधानाचार्य डॉक्टर राममोहन और प्रशासनिक प्रधानाचार्य डॉक्टर कुसुम मोहन ने दोनों प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट कर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से शिक्षक समुदाय को नए और प्रभावी शिक्षण तरीकों को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव हो सकेगा।
 
 
 
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