राम करण यादव ने मध्य रेल के महाप्रबंधक का पदभार संभाला
मुंबई। राम करण यादव ने शुक्रवार को मध्य रेल के नए महाप्रबंधक का पदभार संभाल लिया है। वह भारतीय रेलवे इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसई) 1986 बैच के वरिष्ठ अधिकारी हैं। मध्य रेल के महाप्रबंधक के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह भारतीय रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग (आईआरआईसीईएन), पुणे के महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे। वह नरेश लालवानी का स्थान ग्रहण करेंगे मुध्य रेल, मुंबई मंडल से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, यादव ने 1985 में आईआईटी रूड़की से ऑनर्स के साथ बीई (सिविल) किया। परिवहन इंजीनियरिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उन्हें उत्तर प्रदेश पी.डब्ल्यू.डी. शताब्दी स्वर्ण पदक और विश्वविद्यालय रजत पदक प्रदान किया गया। उन्होंने 1987 में आईआईटी दिल्ली से एम.टेक (सोइल मैकेनिक और फाउंडेशन इंजीनियरिंग) किया। वह मार्च 1988 में रेलवे में शामिल हुए। उनके पास बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम करने का अनुभव है। उन्होंने फील्ड के साथ-साथ मुख्यालयों, पश्चिम रेलवे, उत्तर पूर्वी रेलवे, मध्य रेल, पूर्वी रेलवे, इरिसेन पुणे, राइट्स और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में विभिन्न पदों पर कार्य किया है।
पश्चिम रेलवे पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के रूप में, एक वर्ष में पश्चिम रेलवे पर अब तक की सबसे अधिक नई लाइन, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण का कार्य पूरा किया गया। लंबे समय से लंबित आमान परिवर्तन एवं दोहरीकरण की छह परियोजनाएं पूरी हुईं। उनके कार्यकाल के दौरान पश्चिम रेलवे मुंबई उपनगरीय पर खार और बोरीवली के बीच छठी लाइन के काम में भी तेजी आई। उधना, साबरमती और भुज के प्रमुख स्टेशन विकास पर भी काम शुरू हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के रूप में उन्होंने 245 आरकेएम रेलवे विद्युतीकरण, 53 किमी विद्युतीकरण के साथ दोहरीकरण और 42 किमी गेज परिवर्तन का काम शुरू किया है। इसमें से 125 आरकेएम का विद्युतीकरण एक बार में शुरू किया गया, जो भारतीय रेलवे की किसी भी निर्माण इकाई द्वारा अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
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